रामपुर कारखाना में जियुतिया व्रत के दौरान छोटी गंडक नदी में डूबने वाली 40 वर्षीय सेंवरी देवी का शव गुरुवार को बरामद किया गया। एनडीआरएफ और पुलिस ने रात भर तलाश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। महिला के पति…
रामपुर कारखाना(देवरिया), हिन्दुस्तान टीम। जिउतिया व्रत के लिए छोटी गंडक नदी में स्नान करने के दौरान डूबी महिला का शव गुरुवार को बरामद हुआ। एनडीआरएफ और रामपुर कारखाना पुलिस की संयुक्त टीम रात से ही महिला की तलाश में लगी हुई थी। महिला का शव गोरयाघाट पुल से करीब सौ मीटर आगे नदी की धारा में बरामद किया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौके पर क्षेत्राधिकार सदर संदीप रेड्डी भी पहुंचे।
पुत्र की लंबी आयु के लिए जियुतिया व्रत रखी रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के गोरियाघाट गांव निवासी सेंवरी देवी (40) पत्नी सीताराम पासवान बुधवार की शाम छोटी गंडक नदी में स्नान करने के दौरान डूब गई थी। रामपुर कारखाना पुलिस ने जानकारी मिलते ही स्थानीय गोताखोरों को महिला की तलाश में लगा दिया। हादसे के 1 घंटे बाद ही क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र चौरसिया घटनास्थल पहुंच गए। उनके निर्देश पर रात को एनडीआरएफ की टीम पहुंची। एनडीआरएफ और रामपुर कारखाना पुलिस की संयुक्त टीम ने महिला की तलाश रात को ही शुरू कर दी। अंधेरा होने के चलते टीम को सफलता नहीं मिल सकी। गुरुवार की तड़के महिला का शव गोरिया घाट पुल से लगभग 100 मीटर आगे नदी में बरामद कर लिया गया। महिला का शव बरामद होते ही पति सीताराम पासवान, बेटा रोहित, शिवकुमार, राजू और बेटी राधिका पहाड़ी मारकर रोने लगे। पुलिस ने महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
बिना कुछ खाए पिए रात भर नदी किनारे बैठे रहे पति और बेटा बेटी
बेटे की लंबी आयु के लिए जिउतिया व्रत रखी महिला के छोटी गंडक नदी में डूब जाने से परिजन बुधवार शाम को ही घाट पर पहुंच गए। वे महिला को सकुशल बरामद होने के लिए प्रार्थना भी करते रहे। रामपुर कारखाना पुलिस स्थानीय गोताखोरों की मदद से महिला की तलाश शुरू कर दी थी। इसी दौरान हादसे की जानकारी मिलने पर पहुंचे क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र चौरसिया ने प्रशासन को एनडीआरएफ टीम तत्काल मुहैया कराने का निर्देश दिया। इससे परिजनों को महिला के जीवित मिलने की आस जग गई थी। पति, तीनों बेटे और बेटी रिश्तेदारों के साथ बिना कुछ खाए पिए रात भर नदी के किनारे ही जमे रहे। गुरुवार सुबह महिला का शव बरामद होने के बाद परिजन चीत्कार कर उठे। परिजनों का रोना देखा सांत्वना देने आए ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गई।