ब्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र।
सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी के तत्वावधान में बुधवार को अंत्योदय के समर्थक पं०दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह को समर्पित काव्यांजलि बार एसोसिएशन सभागार में भव्य तरीके से संपन्न हुई । अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन विनोद कुमार चौबे व संचालन कर रहे सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र एडवोकेट तथा बार एसोसिएशन महामंत्री राजीव गौतम ने विधिवत वाग्देवी सरस्वती व दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण दीपदान कर काव्यांजलि का आगाज किया। वाणी वंदना कौशल्या कुमारी चौहान ने तथा नारी सशक्तिकरण पर रचना,, कंगन कभीं कटार कभीं प्यार भी हूं मैं, आकाश नापने को तैयार भी हूं मैं सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । ओज के सशक्त हस्ताक्षर संयोजक प्रदुम्न त्रिपाठी निदेशक शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट ने पं, दीनदयाल उपाध्याय के कृतित्व व्यक्तित्व समाजसेवा का निरूपण करते हुए अपनी देशभक्ति की रचना,,अंत:करण विशुद्ध है भारत के भक्त हैं,,,शेखर ,सुभाष, बिस्मिल, भगत सिंह के रक्त हैं सुनाकर वाहवाही बटोरी। गीतकार धर्मेश चौहान ने , पीछे हटना कायरता है,जीना है तो मरना सीखो सुनाया , सुधाकर स्वदेशप्रेम ने तिरंगे में सजे अर्थी बजे धुन राष्ट्र गीतों की, जनाजा जब मेरा निकले वतन के वास्ते निकले सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर विबस किया। लोकभाषा भोजपुरी के कवि दयानंद दयालू ने,करुण रस का संचार करते हुए,सहले सहात ना दहेजवा के पीरा सुनाकर सबको भावुक कर समाज की विसंगति को उकेरा।शायर जुल्फेकार हैदर खां ने, मैं चला था लहरों को समेटने। मैं ग़लत था अब ए आभास है सुनाकर गंभीर शायरी कर सोचने पर बाध्य किया।मित्र मंच गालिब मुशायरे के संयोजक विकास वर्मा बाबा ने कौमी एकता को बनाए रखने की सीख देती रचना,,मजहब को अपने घर में ही महदूद कीजिए जब भी सड़क पर निकला तौहीन हुई है सुनाकर राष्ट्रीय एकता अखंडता सदभावना समरसता का भाव जगाया। संचालन करते हुए कवि राकेश शरण मिश्र ने अपनी रचना क्या खता मुझसे हुई जो कत्ल मेरा कर दिया खूबसूरत इस जहां से मुझको रुसवा कर दिया सुनाया और कोंख में नारी हत्या की वेदना को मुखरित किये सराहे गए। महामंत्री राजीव गौतम बार एसोसिएश ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित कर पं, दीनदयाल उपाध्याय को नमन किया। बार एसोसिएशन अध्यक्ष पूनम सिंह ने सभी मनीषियों कवियों का स्वागत किया।अंत में अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद कुमार चौबे एने चिंतक युगपुरुष गरीबों को ईश समझने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय को अपने चिंतन से रेखांकित किया और उनके बताए रास्ते पर चलने को आवश्यक बताया। आभार आयोजक प्रदुम्न त्रिपाठी ने व्यक्त किया ।देर शाम तक आयोजन चलता रहा जिसमें वादकारी अधिवक्ता गण त्रिपुरारी मिश्र, प्रदीप सिंह आत्मप्रकाश तिवारी फारुख अली हाशमी, ठाकुर कुशवाहा कौशल कुमार शिखा रिषभ आदि मौजूद रहे।