यूपी के पूर्वांचल में एक नया जिला बनाने को लेकर योगी सरकार ने कवायद तेज कर दी है। फरेंदा, नौतनवा और गोरखपुर के कैम्पियरगंज तहसील को मिलाकर नया जिला बनाने के एक प्रस्ताव ने महाराजगंज में हलचल बढ़ा दी है। हालांकि राजस्व परिषद की ओर से जारी यह पत्र जुलाई महीने का ही है, लेकिन शनिवार को यह तेजी से वायरल हुआ। इस प्रस्ताव पर महराजगंज और गोरखपुर जिलों से आख्या मांगी गई थी। हालांकि महराजगंज जिले से पहले ही आख्या जा चुकी है कि चार तहसीलों वाले जिले से दो तहसील कट जाने से जिले का मानक पूरा नहीं हो पाएगा।
आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद की ओर से इस संबंध में बीते 31 जुलाई को पत्र जारी हुआ था। इसमें महराजगंज के दो तहसील फरेंदा व नौतनवा और गोरखपुर के एक कैम्पियरगंज तहसील को मिलाकर फरेंदा जिला बनाए जाने के प्रस्ताव का उल्लेख है। इसमें डीएम गोरखपुर से इस संबंध में आख्या कमिश्नर के माध्यम से भेजने की अपेक्षा की गई है। इसकी प्रतिलिपि डीएम महराजगंज को भी हुई है।
दो तहसील से पूरा नहीं होगा जिले का मानक
बताया जा रहा है कि करीब डेढ़ माह पूर्व महराजगंज जिले से इस प्रस्ताव पर आख्या जा चुकी है। इसमें उल्लेख है कि चार तहसीलों वाले महराजगंज जिले से फरेंदा व नौतनवा को अलग कर दिया जाए तो सदर व निचलौल तहसील जिले के मानक को पूरा नहीं कर पाएंगे। जिले के मानक के लिए क्षेत्रफल, जनसंख्या व लेखपाल सर्किल आदि कई बिन्दु अहम होते हैं।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा यह पत्र
फरेंदा को नया जिला बनाने के प्रस्ताव संबंधी राजस्व परिषद का यह पत्र शनिवार को सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा। हर कोई इस प्रस्ताव के संबंध में जानने की कोशिश करता रहा। वाट्सएप, एक्स व फेसबुक पर शनिवार को यह पत्र सर्वाधिक चर्चा में रहा।
प्रशासन की बात
महराजगंज के अपर जिलाधिकारी डॉ.पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि जुलाई महीने में इस आशय का एक पत्र प्राप्त हुआ था। इसकी आख्या पहले ही यहां से भेजी जा चुकी है। जिले से दो तहसील अलग होने पर बचे दो तहसील जिले के मानक को पूरा नहीं कर पाएंगे।
फरेंदा के जिला बनने से ही दूर होगा सीमावर्ती आबादी का पिछड़ापन
फरेंदा जिला बनाओ मंच के अध्यक्ष और इंसेफेलाइटिस उन्मूलन अभियान के चीफ कैंपेनर डॉ. आरएन सिंह ने महराजगंज जिले से फरेंदा को अलग जिला बनाए जाने की मांग को दुहराया है। कहा कि ऐसा करके ही नेपाल से लगे इस सीमावर्ती क्षेत्र का पिछड़ापन दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय महाराजगंज होने के नाते फरेंदा और नौतनवा के इलाके में रहने वालों के लिए अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान में भी बड़ी मुश्किलें पेश आती हैं। फरेंदा में मंडल की सबसे पुरानी शुगर मिल लगभग 30 वर्षों से बंद पड़ी है। पूरा इलाका अलग-अलग तरह की विडम्बनाओं का शिकार है। लोगों को इन विडम्बनाओं से मुक्ति दिलाने के मार्ग पर पहला कदम फरेंदा को अलग जिला बनाना होगा। अपनी मांग के समर्थन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शनिवार को एक पत्र लिखा।