संवाददाता। विजय कुमार अग्रहरी।
वार्ता और आंदोलन के माध्यम से यूनियन मांगों को पूरा कराने के लिए संकल्पित – बी के सिंह , महामंत्री, ईसीआरएमयू।
चोपन सोनभद्र। ईस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर यूनियन ने रेलवे यूनियन के मान्यता के लिए 4 -5 दिसम्बर 2024 को निर्धारित चुनाव में इसबार स्वतंत्र रूप से चुनाव न लड़ने तथा बिना शर्त ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन को समर्थन देने की घोषणा की है। रेलवे में यूनियन की मान्यता चुनाव करा कर दी जाती है। सर्वप्रथम यह चुनाव वर्ष 2007 में तथा दूसरी बार 2013 में रेलप्रशासन द्वारा करवाया गया था। पूर्व मध्य रेलवे जोन में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ( एआईआरएफ) की अनुषंगी जोनल यूनियन ईसीआरकेयू दोनों बार मान्यता प्राप्त करने के लिए निर्धारित 30 प्रतिशत मतों की संख्या पार करते हुए 40 प्रतिशत मत प्राप्त कर एकल यूनियन के रूप में सफल हुई है। फेडरेशन के द्वारा बार बार उक्त चुनाव कराने के आग्रह पर रेलवे बोर्ड ने चुनाव प्रक्रिया को विभिन्न चरणों में कराने के लिए तिथियों की घोषणा कर दिया है। पिछले चुनाव प्रक्रिया में शामिल विभिन्न रेलवे यूनियनों में फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है जबकि ईसीआरकेयू अपने दमदार केन्द्रीय नेतृत्व, निरंतर सक्रिय शाखाओं और हरपल रेलकर्मियों के हर समस्या और मुसीबतों में साथ खड़े होने वाले अनुशासित कैडर की वजह से काफी मजबूत स्थिति में है। आगामी चुनाव के आलोक में ईसीआरकेयू के केन्द्रीय पदाधिकारियों की बैठक 11 सितम्बर को पटना में आयोजित की गई जिसमें ईसीआरएमयू के महामंत्री बी के सिंह भी शामिल हुए और उन्होंने बिना शर्त आगामी चुनाव में ईसीआरकेयू को समर्थन देने की घोषणा की। अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि इस बार ” ई सी रेलवे मजदूर यूनियन ” यूनियन के रिकॉग्नाइजेशन हेतु गुप्त मतदान में भाग नहीं ले रही है। वैसे भी मैं और हमारे सहयोगी साथी गण मूल रूप से ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन(AIRF) / ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के ही कैडर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यू पी एस पर कटेगोरिकल एसोसिएशनों द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है और इस यूनियन तथा फेडरेशन को दोषी ठहराया जा रहा है जबकि कुछ मामलों में यह ओ पी एस से अच्छा भी है और जो कमी रह गई है उसके लिए सरकार के तरफ से भी आश्वासन दिया गया है कि बातचीत का रास्ता खुला रहेगा। वार्ता और आंदोलन के माध्यम से यूनियन आपके आकांक्षा को पूरा करने के लिए संकल्पित है। जब 1957 में पेंशन लागू हुआ था तब रिटायरमेंट के बाद 30% पेंशन था फिर सतत संघर्ष से 50 % हुआ, इसी तरह यू पी एस में भी सारी खामियों को शीघ्र दूर कर लिया जाएगा। आलोचकों में इतना ही दम है तो इससे ज्यादा लेकर दिखा दे। इतना ही नहीं जितनी भी तरह कि सुविधाएं जो आपको मिल रही है वह इस यूनियन/ फेडरेशन के 100 वर्षो के संघर्ष और तीन तीन हड़तालों में शहीद हुए साथियों के बलिदान के बदौलत ही मिली है। सम्पूर्ण ओ पी एस प्राप्ति तक हमसभी का आंदोलन चलता रहेगा । उन्होंने रेलकर्मियों का आह्वान करते हुए कहा कि इस आसन्न चुनाव में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन को अपना वोट देकर मान्यता प्राप्त करवाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। यह मेरा आप पर विश्वास ही नहीं बल्कि अटल विश्वास है। मैंने खुले दिल से मजदूर हित, रेल हित तथा देश हित में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन को बिना शर्त समर्थन देने का वचन आपके और केवल आपके भरोसे पर ही दिया है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर ईसीआरकेयू के केन्द्रीय अध्यक्ष डी के पाण्डेय, महामंत्री एस एन पी श्रीवास्तव,कार्यकारी अध्यक्ष एस एस डी मिश्रा, अपर महामंत्री मो ज़्याऊद्दीन, कोषाध्यक्ष मिथिलेश कुमार,एआईआरएफ के जोनल सेक्रेटरी ओ पी शर्मा सहित मनोज कुमार पाण्डेय, केदार प्रसाद, बी बी पासवान, श्रीराम सिंह, ओमप्रकाश, मनीष कुमार, के के मिश्रा, मनोज कुमार, बबलू कुमार, बीरेंद्र यादव, सोमेन दत्ता, नेताजी सुभाष, श्रीमती मृदुला कुमारी, सूर्य भूषण सिंह उपस्थित थे। यह जानकारी ईसीआरकेयू चोपन वन के सचिव उमेश कुमार सिंह ने दिया।