देवरिया, निज संवाददाता। माध्यमिक विद्यालयों में यूपी बोर्ड के हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा के लिए दूसरे बोर्ड के 10-10 छात्रों का नामांकन करने के बाद स्कूल डीआईओएस से अनुमति नहीं ले रहे है। जिले में 553 स्कूलों में लगभग छह हजार दूसरे बोर्ड के छात्रों ने हाई स्कूल और इंटर में परीक्षा देने को नामांकन कराया है। इसे बोर्ड ने गंभीरता से लेते हुए डीआईओएस से जल्द अनुमति पत्र जमा करने का निर्देश दिया है। जिससे छात्रों का उनके बोर्ड से सत्यापन कराया जा सके। जिले में राजकीय, वित्त पोषित और वित्त विहीन के कुल 553 विद्यालय है। जिसमें प्रत्येक वर्ष हाई स्कूल और इंटर बोर्ड के लिए डेढ़ लाख से अधिक छात्र फार्म भरते है। यूपी बोर्ड का परीक्षा फार्म भरने से पहले छात्र को उसी विद्यालय में कक्षा 9 और 11 में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। जिस छात्र का रजिस्ट्रेशन होता है उन्ही छात्रों का बोर्ड फार्म भरने की अनुमति मिलती है। इसके साथ ही हाई स्कूल और इंटर में फेल होने वाले छात्र भी बोर्ड का फार्म भर कर परीक्षा दे सकते है। कुछ छात्र पिता का तबादला होने पर दूसरे बोर्ड में पढ़ाई नहीं होने पर यूपी बोर्ड के तरफ रुख कर लेते है। इसे देखते हुए विभाग ने जिले के सभी हाई स्कूल और इंटर के कक्षाओं में बोर्ड का फॅार्म भरने के लिए 10-10 छात्रों का नामांकन करने की छूट दिया है। जिसमें छात्र को कक्षा 9 और 11 वीं में पढ़ने वाले स्कूल से टीसी और अंक पत्र स्कूल में जमा करना होता है। वर्ष 2025 के बोर्ड के लिए जिले के 533 स्कूलों में हाई स्कूल में लगभग चार हजार दूसरे बोर्ड के छात्रों का नामांकन हुआ है। वहीं इंटर में भी दूसरे बोर्ड के लगभग दो हजार छात्रों का नामांकन हुआ है। जिले के हाई स्कूल और इंटर में कुल छह हजार दूसरे बोर्ड के छात्रों का नामांकन हुआ है। नामांकन करने के बाद स्कूलों के प्रधानाचार्य डीआईओएस से अनुमति लेना भूल गए। पिछले दिनों बोर्ड ने इसकी समीक्षा किया तो जिले का अनुमति शून्य मिला। इस पर क्षेत्रीय सचिव विनोद कृष्ण ने गंभीरता से लेते हुए डीआईओएस को पत्र भेजकर दूसरे बोर्ड से हाई स्कूल और इंटर में नामांकन लेने वाले छात्रों के अनुमति पत्र को जमा कराने का निर्देश दिया। ऐसा नहीं करने वाले छात्रों को बोर्ड परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा। अनुमति पत्र के साथ छात्र की सभी जानकारी और उसके पूर्व के बोर्ड और प्रमाण पत्र और टीसी की जानकारी भी देना है। जिससे उनके बारे में दूसरे बोर्डो से उनका सत्यापन कराया जा सके।