संवाददाता। विजय कुमार अग्रहरी।
कहा समस्या समाधान नहीं तो प्रभारी मंत्री से मिल निराकरण हेतु लगाई जाएगी गुहार ।
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन की एक आवश्यक बैठक नगर स्थित होटल में हुई। इस दौरान वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि इन दिनों आम जनमानस एवं व्यापारी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है, जबकि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि समाज का कोई तबका लोक कल्याणकारी सरकारी योजनाओं से वंचित न रह जाए। संगठन के जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि देश में डेंगू के संक्रमण का गंभीर असर दिखने लगा है विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में मच्छर जनित बीमारियों से 10 लाख से अधिक लोग असमय काल कवलित हो जाते हैं । पिछले साल के मुकाबले पूरे देश में 75 फ़ीसदी ज़्यादा लोग डेंगू बुखार की चपेट में आ चुके हैं। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने डेंगू को लेकर सभी राज्यों को अलर्ट भी जारी किया है । उत्तर प्रदेश में डेंगू के 13000 से अधिक मामले दर्ज किये जा चुके हैं और प्रतिदिन औसतन 29 मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चूंकी हमारे जनपद सोनभद्र में भी मलेरिया टाइफाइड के बुखार से परेशान लोग अब डेंगू बुखार के चपेट में भी आने लगे हैं। ऐसे में हमें पूरी तरह सजग रहने की आवश्यकता है। जनपद में अभी तक 16 डेंगू के संभावित मरीज पाए जा चुके हैं। श्री शर्मा ने कहा कि चूंकी डेंगू के मच्छर पानी इकट्ठा होने की वजह से पनपते हैं इन दोनों नगर एवं अन्य हिस्सों में जल भराव की स्थिति बनी हुई है ऐसे में कीटनाशक टेमीफास् एवं बी.टी.आई. का छिड़काव किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि जिला खनिज निधि से 40000 मच्छरदानियों का वितरण किया जाना था जो धरातल पर कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा है। वहीं संगठन के जिला महामंत्री प्रितपाल सिंह एवं नगर अध्यक्ष प्रशांत जैन ,नगर महामंत्री जसकीरत सिंह ,नगर कोषाध्यक्ष सिद्धार्थ सांवरिया ने संयुक्त रूप से सूत्रों के हवाले से कहा कि 40 फ़ीसदी से अधिक दुर्घटनाओं में घायल लोग सही समय पर उपचार न मिलने के कारण दम तोड़ देते हैं ट्रामा सेंटर के नाम पर जनपद में जो खेल चल रहा है वह किसी से छिपा नहीं है, जबकि वास्तव में 150 किलोमीटर के परिक्षेत्र में कोई ट्रामा सेंटर है ही नहीं। जिला अस्पताल में करोड़ों की लागत से केंद्र बना भी जो वर्षों बाद भी चालू नहीं हो पाया कभी डॉक्टर का अभाव तो कभी संसाधनों का अभाव इसी के बीच आम आदमी झूलता रहा आंकड़ों के अनुसार 2021 में 268, 2022 में 279 और 2023 में 300 लोगों की मौत हो चुकी है।।2024 मे भी अब तक लगभग 200 लोगों की मौत हो चुकी है जिला मुख्यालय से वाराणसी की 90 किमी दूरी होने के कारण ज्यादातर हादसों में घायल लोग अस्पताल पहुंचने के पहले ही दम तोड़ देते हैं। जिला कोषाध्यक्ष शरद जायसवाल, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष राजेश जायसवाल, धर्मराज सिंह, रवि जायसवाल ,प्रदीप जायसवाल, राजू जायसवाल, दीप सिंह पटेल, टीपू अली ,विनोद जायसवाल, कृष्णा सोनी, आईटी सेल प्रभारी सूर्या जायसवाल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से संबद्घ 100 बेड वाले जिला चिकित्सालय की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। बेड एवं स्ट्रेचर के लिए मरीज भटक रहे हैं एक ही बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जिला अस्पताल की ओपीडी रोजाना लगभग 700 से 800 की होती है वही इमरजेंसी में भी 80 से 100 मरीज रोज भर्ती होते हैं स्ट्रेचर का प्रबंध न होने के कारण लोग अपने मरीज को गोद में उठाकर इधर से उधर ले जा रहे हैं। चिंताजनक यह भी है कि इतने बड़े अस्पताल में महज एक व्हीलचेयर है और मात्र पांच स्ट्रेचर है ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि जिला अस्पताल में मरीजों को कितनी बेहतर सेवाएं उपलब्ध हो पाती होगीं। एक ही वार्ड में ऐसे भी मरीज भर्ती कर दिए जा रहे हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है। जिला विधि सलाहकार यशपाल सिंह नगर संयोजक अमित अग्रवाल, जिला मंत्री शिवनाथ मेहता, अमित वर्मा ,शिवम केशरी ,प्रतीक केसरी अभिषेक केसरी, नागेंद्र मोदनवाल, धर्मेंद्र प्रजापति, दीपक सोनी दिल करण सिंह ने कहा कि विगत दिनों 2 घंटे की बारिश में शहर के सर्विस लेन पर पुल के नीचे लगभग 2 किलोमीटर तक दोनों पटरिया पर पानी भर गया घोरावल रोड, पन्नूगंज रोड, बढौली चौराहा, धर्मशाला चौराहा, नई बस्ती, समेत शहर के कई सड़कों पर जाम लग गया मजबूरी बस लोग गंदे पानी के बीच से निकलते रहे इस दौरान कई गिरकर चुटहिल हो गए कई गाड़ियां पानी में भी बंद हो गई लोगों को ठेल कर गाड़ियों को निकालना पड़ा जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। 2 घंटे की बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। बैठक में सर्वसम्मत से निर्णय लिया गया कि यदि इन सभी मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं होता तो सदर विधायक एवं प्रभारी मंत्री से मिलकर अवगत कराया जाएगा एवं आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।