देवरिया, निज संवाददाता। जिले में टीबी रोगियों को ढ़ूंढ़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग 12 दिवसीय विशेष अभियान एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाएगा। इसकी शुरुआत नौ सितंबर से की जाएगी। अभियान 20 सितंबर तक चलेगा। इसमें विभागीय टीम घर घर जाकर टीबी रोगियों को ढ़ूंढ़ेगी।
सीएमओ डॉ. राजेश झा ने कहाकि क्षय रोग यानि टीबी एक गंभीर बीमारी है। इसके उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत की संकल्पना की गई है। अभियान के दौरान स्लम, घनी आबादी वाले क्षेत्र, मलिन बस्तियां, हाई रिस्क जनसंख्या (एचआईवी एवं डायबिटीज) अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार (जेल), मजदूरों, श्रमिक तथा टीबी मुक्त पंचायत जगहों को चिन्हित करते हुए) पर कार्य किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा टीबी के संभावित लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान करते हुये उन्हें लक्षणों के बारे में बताया जायेगा। साथ ही संभावित मरीज के बलगम नमूने एकत्र कर उसकी जांच हेतु निकटतम जांच केन्द्रों पर भेजा जायेगा। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का गाइडलाइन के अनुसार उपचार किया जायेगा। इस कार्यक्रम में 49 सुपरवाइजरों के साथ 278 टीमें कार्य कर रही हैं। 22 चिकित्सकों को मानिटरिंग के लिए लगाया गया है।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत 16 टीबी यूनिट कार्यरत हैं। बलगम की जाँच हेतु 40 माइक्रोस्कोपी केन्द्र स्थापित है, जहां पर बलगम की निःशुल्क जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। जिले में करीब 620 ट्रीटमेन्ट सपोर्टरों द्वारा क्षय रोगियों को उनके घर के नजदीक दवा उपलब्ध करायी जाती है।
उन्होंने बताया कि जनपद में 02 सीबी नॉट मशीनें उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त 7 ट्रू नॉट मशीनें भी स्थापित हैं। सीएमओ ने बताया कि अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जारी टोल फ्री नम्बर 1800116666 पर संपर्क कर सकते हैं।
यह है लक्षण तो करा लें टीबी की जांच
यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही है। बुखार की समस्या है, बलगम में खून आता है, भूख कम लगती और वजन तेजी से कम हो रहा है, रात में पसीना, गले में कोई गांठ (लिम्फनोड) है। ऐसे में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान के दौरान घर पर दस्तक देने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम को जानकारी जरूर दें। आपको टीबी हो सकती है। इस अभियान में बांझपन की समस्या से जूझ रही महिलाएं भी टीबी की जांच करा लें। ऐसी महिलाओं में भी टीबी का खतरा बढ़ जाता है।