देवरिया, निज संवाददाता। जिले में संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्र पर अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर की फोटो नाम के साथ लगाना जरुरी है। साथ ही पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रति भी लगी होनी चाहिए। यह नियम सभी प्रबन्धक, चिकित्सक, अल्ट्रासाउण्ड केंद्र के संचालक, अनुवांशिकी परामर्श केन्द्र, इमेजिंग सेन्टर पर लागू होता है। डीएम के निर्देश पर यह जानकारी सीएमओ कार्यालय ने जारी किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने बतायाकि अल्ट्रासाउण्ड कक्ष में पंजीकरण प्रमाण पत्र की प्रति लगी होनी चाहिए। अल्ट्रासाउण्ड कक्ष में एवं कक्ष के बाहर अल्ट्रासोनोलाजिस्ट की फोटो नाम के साथ लगी होनी चाहिये। अल्ट्रासाउण्ड करते समय अल्ट्रासोनोलाजिस्ट के यूनिफार्म पर मुख्य रुप से सोनोलाजिस्ट का नाम और पदनाम लिखा होना चाहिए।
अल्ट्रासाउण्ड केंद्र में कार्यरत सभी कर्मचारी निर्धारित यूनिफार्म में अपना नाम व पदनाम लिखेंगे। प्रत्येक अल्ट्रासाउण्ड केंद्र फार्म डी, ई, एफ, जी जो भी लागू हो उसे नियमित रुप से भरें। पोर्टल पर आनलाईन फार्म एफ चढ़ाएं। प्रत्येक अल्ट्रासाउण्ड केंद्र द्वारा की गयी सभी गर्भधारण पूर्व या गर्भावस्था से सम्बन्धित प्रक्रियाओं या तकनीकों या परीक्षणों की पूरी रिपोर्ट हर महीने की पांचवीं तारीख तक हार्ड कापी में सीएमओ कार्यालय को भेजेंगे। प्रत्येक अल्ट्रासाउण्ड केंद्र पर अल्ट्रासाउण्ड कराने वाले व्यक्तियों का पूरा विवरण दर्ज करना जरुरी है।
अल्ट्रासाउण्ड से सम्बन्धित सभी अभिलेख सहमति प्रारुपों, प्रयोगशाला परिणाम, सूक्ष्मदर्शी चित्र, सोनोग्राफी प्लेट या स्लाइड, सिफारिशों और पत्रों जैसे यथास्थिति परामर्श, प्रसव पूर्व प्रक्रिया या प्रसव पूर्व निदान परीक्षण के पूरा होने की तारीख से दो वर्ष की अवधि तक सुरक्षित रखना जरुरी है। किन्ही विधिक कार्यवाही की दशा में अभिलेखों को विधिक कार्यवाही के अन्तिम निपटारे तक या दो वर्ष की उक्त अवधि के समाप्त होने तक सुरक्षित रखना होगा। अल्ट्रासाउण्ड केंद्र पर भ्रूण का लिंग प्रकट करना विधि के अधीन निषिद्ध हैं…, की सूचना अंग्रेजी और स्थानीय भाषा या भाषाओं में अपने केंद्र पर लिखना आवश्यक है। केंद्र में तैनात अल्ट्रासोनोलाजिस्ट के परामर्श का समय अंकित किया जाए और इस सम्बन्ध में शपथ पत्र भी दिया जाए।
अल्ट्रासोनोलाजिस्ट की अनुपस्थिति की सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा करनी होगी। हर अल्ट्रासाउण्ड केंद्र पर पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 की एक प्रति रखना जरुरी है। किसी भी अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर के सोनोलाजिस्ट या स्वामी, कर्मचारी या उससे जुड़ा कोई अन्य व्यक्ति द्वारा किसी रीति से भ्रूण के लिंग का पता लगाने या उसे प्रकट करने का काम नहीं करेगा। किसी भी कारण से स्त्री भ्रूण की न हत्या करेंगे न करना न करवाएंगे। अल्ट्रासाउण्ड केंद्र पर रोगियों के पीने के पानी की व्यवस्था रखें। रोगियों के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था करें। साथ ही रोगियों के बैठने के लिए वेटिंग हॉल की व्यवस्था करें। दिव्यांग रोगियों के लिए व्हीलचेयर, रैम्प आदि की व्यवस्था रखें। इन नियमों का पालन नहीं करने पर संबंधित केंद्र के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।