संवाददाता। विजय कुमार अग्रहरी।
ओबरा डैम में विभिन्न जल स्त्रोतों से लगातार पानी आने की वजह से जिसके कारण डैम के जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिसके बाद दो फाटक खोल दिया गया है ।
ओबरा सोनभद्र। ओबरा डैम में विभिन्न जल स्त्रोतों से लगातार पानी आने की वजह से जिसके कारण डैम के जलस्तर काफी बढ़ गया है। डैम का जल स्तर 193.24 रेडियस लेवल पहुंचने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से दो फाटक को खोलकर जल निकासी शुरू कर दी है। फाटक खोले जाने से पहले डैम प्रशासक द्वारा रात में ही पूरे क्षेत्र में अनाउंसमेंट कर रेणुका नदी के आसपास रहने वालों को नदी में ना जाने की अपील की गई और ऐतिहातन अपने सामानों को सुरक्षित करने की अपील की। फिलहाल डैम का जलस्तर 193 मीटर पर स्थिर है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए XCN AE और JE डैम की पानी पर नज़र बनाये हुए है।ओबरा डैम के जलस्तर में भारी वृद्धि को देखते हुए डैम प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। सोमवार देर रात डैम का जलस्तर खतरे के निशान से 193.24 ऊपर पहुंचा गया था। डैम प्रशासन और संबंधित अधिकारियों द्वरा वार्त्तालाप कर डैम का जलस्तर को कंट्रोल करने के लिए। 9 में से डैम का 2 फाटक खोलकर जलस्तर कंट्रोल किया गया। 1 cm घण्टे की रफ्तार से पानी की राइजिंग ट्रेंड होनी की वजह से फाटक नंबर 6 और 8 से पानी छोड़कर जलस्तर को 193 पर लाया गया है। फाटक खुलने से रेणुका नदी क्षेत्र के जद में आने वाले 7 गांवों को प्रभावित देखकर अलर्ट जारी किया गया था। रात में ही डैम प्रशासन ओबरा पुलिस और ग्राम प्रधान द्वारा लोगों को सूचना देकर आगाह कर दिया था। डैम खुलने से लगातार रेणुका और सोन नदी का जलस्तर बढ़ता देखा गया। हालांकि किसी भी तरह का नदी क्षेत्र के निचले इलाकों में निवास करने वाले लोगों को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा डैम प्रशासन के महेश बाबू ने बताया कि के दो फाटक खुला है 8 और 9 193. 05 होने के बाद गेट का एक फाटक फिलहाल बंद कर दिया गया। 193.24 एफआरएल होता है फिलहाल 193 लेवल पर जलस्तर बना हुआ है। फाटक खोलने से रेणु नदी में कोई ज्यादा इफेक्ट नहीं पड़ेगा। सोन बिजुल नदी का लेवल हाई होने पर रेणुका नदी का लेवल बढ़ जाता है और नुकसान होने के चांस ज्यादा होता है। कम से 5 से 6 फाटक खोलने पर स्थित भयावक हो सकती थी। फिलहाल XCN रूपेश कुमार खरे पूरी स्थिति पर नज़र बनाये हुए है। सभी स्विफ्ट बाई स्विफ्ट ड्यूटी में रहते है। AE कंट्रोलिंग में लगे रहते हैं और JE शिफ्ट में रहते हैं। टेक्निकल सिविल के सभी लोग बरसात के मौसम तक ड्यूटी के दौरान सघन निगरानी रखते है। अगर रिहंद डैम खुलता है तो उसका पानी ओबरा डैम में आएगा जिससे जलस्तर में वृद्धि हो जाएगी। रिहंद डैम का फाटक 2011 में डिस्चार्ज किया गया था और ओबरा डैम का फाटक 2016-17 में डिस्चार्ज किया गया था। पिछले कई वर्षों से उतनी ज्यादा बरसता नहीं हुई कि डैम का फाटक डिस्चार्ज करने की नौबत आती। फिलहाल नज़र बनी हुई है अगर कोई बात होगी तो सूचना दी जाएगा। वही लोगों का आरोप है कि डैम खुलने की सूचना कम से कम 24 घण्टे पहले देनी चाहिए। प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण जनपद सोनभद्र जिसकी सीमाएं चार प्रदेश से जुड़ती हैं तथा भारत के प्रमुख बांधों में शुमार रिहंद बांध, ओबरा बांध यहां स्थित है। कई वर्षों के सूखा और कम बारिश की वजह से डैम का जलस्तर मेंटेन नहीं हो पा रहा था। लगातार हो रहे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, झारखंड और सोनभद्र में मूसलाधार बरसात के कारण रिहंद और ओबरा बांध लबालब भर रहे हैं। भारी मात्रा में पानी के आवक को देखते हुए 26 अगस्त की रात्रि में ओबरा बांध के गेट न. 6व 8 को खोला गया।