संस्थान का 28 वां वार्षिक अधिवेशन, दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से सैकड़ो हिंदी सेवियों नैने किया प्रतिभाग।
संवाददाता – विजय कुमार अग्रहरी।
सोनभद्र। हिन्दी तथा समाज की सेवा के प्रति पूर्णत: समर्पित विश्व हिन्दी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज का 28वां वार्षिक अधिवेशन मंगलूर विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय कॉलेज, मंगलूर में दो-दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन हिंदी को बढ़ावा देने हे विमर्श के साथ संपन्न हुआ । बताते चलें कि उत्तर को दक्षिण से मिलाता यह अधिवेशन स्थल लगभग एक छोटा भारत था जहाँ पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु ,केरल और कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों से हिन्दी प्रेवी एकत्रित हुए I अश्विनी कुमार , उपमहा प्रबंधक (व्यवसाय विकास ) बैंक ऑफ़ बड़ौदा अंचल कार्यालय मंगलुरु ने इस अधिवेशन का उद्घाटन किया। डॉ प्रेम तन्मय , सदस्य संसदीय सलाहकार समिति कोल मंत्रालय , बेंगलुरु इस अधिवेशन के मुख्या अतिथि रहे। प्रो गणपति गौड़ा ,प्राचार्य विश्वविद्यालय कॉलेज मंगलुरु ने इस अधिवेशन की अध्यक्षता की।
प्रारंभ में यह संस्था केवल प्रयागराज तक सीमित थी किंतु अब यह संपूर्ण भारत और विश्व को समेटे हुए है। इस अधिवेशन के तीन मुख्य बिंदु थे। प्रथम – संस्थान की मासिक पत्रिका ‘विश्व स्नेह समाज’ का विशेषांक ‘हिन्दीतर भाषी क्षेत्रों में हिन्दी का प्रचार-प्रसार’ का लोकार्पण । दूसरा-विद्वानों और समाज सेवियों को उपाधि व सम्मान प्रदान करना जिसके अतंर्गत वी०एस० शांताबाई, बंगलौर, कर्नाटक को मरणोपरान्त अति विशिष्ट हिन्दी सेवी उपाधि, डॉ० शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख,पुणे महाराष्ट्र (मरणोपरान्त) विहिसा सरताज, डॉ० सीमा वर्मा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश को लघु कथा सम्राट-2023 की उपाधि, प्रो० मुरलीधर नायक, मंगलुरु, कर्नाटक को समाज श्री सम्मान, डॉ नजमा ए मलिक, नवसारी, गुजरात, राष्ट्रभाषा सम्मान, ओमप्रकाश त्रिपाठी, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश को डॉ० शहाबुद्दीन नियाज मुहम्मद शेख सम्मान, प्रा० पूर्णिमा उमेश झेंडे, नासिक महाराष्ट्र को कलाश्री सम्मान, डॉ. नयना डेलीवाला, अहमदाबाद, गुजरात यशिका चतुवेर्दी, जयपुर, राजस्थान को राजरानी देवी स्मृति वचपना सम्मान, विनीता जैन, बंगलुरु, कर्नाटक, डॉ० रश्मि वी.वी. पुढपुर, कर्नाटक, डॉ० जी०एस० सरोजा, शिवमोगा, कर्नाटक को हिन्दी सेवी सम्मान, डॉ० रंजीत सिंह अरोरा ‘अर्श’, पुणे, महाराष्ट्र को नारायण राव रामटेके स्मृति सम्मान, डॉ० सुमा टी.आर., मंगलुर, कर्नाटक को – वी०एस०शांताबाई स्मृति सम्मान, लक्ष्मीकांत वैष्णव, सक्ति, छत्तीसगढ़ को मुखराम माकड़ ‘माहिर’ सम्मान, राकेश कुमार श्रीवास्तव, रायबरेली, उत्तर प्रदेश को कैप्टन तुकाराम रोडकर स्मृति सम्मान, मणि वेन द्विवेदी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश को राजरानी देवी स्मृति सम्मान, डॉ० सरस्वती वर्मा, महासमुन्द्र, छत्तीसगढ़ को विहिसा श्री, डॉ० सीमा वर्मा, लखनऊ, उत्तर प्रदेश को आखर कलश सम्मान-2023, संतोष शर्मा ‘शान’, हाथरस, उत्तर प्रदेश को संस्कार गौरव-2023, रतिराम गढ़वाल, रायपुर, छत्तीसगढ़ सर्वश्रेष्ठ श्रोता सम्मान पवहारी शरण द्विवेदी स्मृति न्यास द्वारा डॉ० नवनाथ रघुनाथ जगताप सोलापुर, महाराष्ट्र को हिन्दी सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया। तीसरा इस अधिवेशन में विचार-विमर्श का विषय था- ‘हिन्दी साहित्य में वृद्धों का जीवन । वृद्ध विमर्श पर तीन सत्रों में चर्चा हुई जिसमें विद्वानों, स्नातक/ स्नातकोत्तर तथा हाई स्कूल के विद्यार्थियों, शोधार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ. धनपाल बिराजदार, महाराष्ट्र, डॉ. प्रभुसेन, मैसूर डॉ. बी.आर.पाल तथा डॉ. कल्पना प्रभु, मंगलूर अपने विचार प्रस्तुत किया ।
विश्व हिन्दी साहित्य सेवा संस्थान के सचिव डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी, अध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में मंगलूर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ. सुमा टी आर तथा डॉ. नागरत्ना राव के सहयोग से यह अधिवेशन सार्थक एवं सफल रहा। द्विदिवसीय अधिवेशन विश्वविद्यालय कॉलेज के स्नातक और परास्नातक विद्यार्थियों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ। अधिवेशन में कुल 35 विद्वज्जन भारत के सुदूर प्रदेशों से शामिल हुए तो कर्नाटक के लगभग 55 सदस्य विविध क्षेत्रों से सम्मिलित हुए। यह जानकारी दो जैसी अधिवेशन से लौट के बाद संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी ने मंगलवार को अपना मेट्रो संवाददाता से विशेष भेंट वार्ता करते हुए दी। श्री त्रिपाठी संस्थान के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन की सफलता से बेहद गदगद प्दिखे और उन्होंने बताया कि हिंदी के उत्थान के लिए संस्थान पूरी सन्नाटा के साथ लगा हुआ है।