संवाददाता। मिथिलेश भारद्वाज
डाला सोनभद्र। जहां पूरा देश गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण करने के कार्यक्रम में लगा हुआ था वहीं गिरी बाबा के खदान में धड़ल्ले से खनन का कार्य किया जा रहा है जिसे देख ऐसा लग रहा राष्ट्रीय पर्व इनके लिए कोई महत्वपूर्ण नहीं है मामला प्रकाश में आते हैं क्षेत्र में हड़कंप मच गया विल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र के डाला बाड़ी में स्थित पत्थर खदान से ब्लास्टिंग के दौरान पत्थर बस्तीयों में आने के कारण रहवासियों ने खनन संपर्क मार्ग पर जमकर विरोध किया बात करें तो जहा एक तरफ सूबे के मुखिया अवैध खनन को दिन रात एक कर अनेकों योजनाएं बना कर अवैध खनन पर रोक थाम हेतु प्रयासरत हैं वहीं संबंधित विभाग के कुछ लोगों के साथ मिलकर खनन माफिया ने मानकों को ताख पर रख कर अवैध खनन कर सरकार की छवि को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं 26 जनवरी 2024 शुक्रवार को सुबह नौ बजे डाला पुलिस चौकी क्षेत्र में स्थित पट्टा धारक सुरेश चंद्र गिरीं (गिरी बाबा) खदान में बृहस्पतिवार को ब्लास्टिंग किया गया था जिसके उपरांत बस्ती में पत्थरों का बारिश हो गया जिससे क्षुब्ध होकर रहवासियों ने संपर्क मार्ग पत्थर रखकर जाम कर दिया और अवैध खनन बंद हो नारे लगाने लगे जो घंटों तक यह सिलसिला चलता रहा है जिसकी सूचना पाकर डाला पुलिस मौके पर पहुंचकर लोगों को समझा-बुझाकर शांत करवाया। तब जाकर बाधित खदान के सम्पर्क मार्ग बहाल हुआ। उस समय खदान में मशीन के द्वारा लोडिंग का कार्य धड़ल्ले से चालू रहा है और पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था जहा लोगो का कहना था कि पत्थर खदान में हैवी ब्लास्टिंग होता है जिसके कारण आसपास के क्षेत्र व बस्तीओ में स्थित मकान में ब्लास्टिंग का पत्थर उड़कर चला जाता है जिससे कई बार हम लोग घायल हुए हैं वही लोगो का कहना है कि जिसको लेकर कई बार रहवासियों ने इसकी सूचना खनन कर्ताओं की दी गई है लेकिन बड़े खनन कर्ता के कारण वह मनमानी करते चले आ रहे हैं जहां जिला प्रशासन समेत खनन विभाग भी मौन है जहा महिला ने दिया बड़ा बयान, कहा खननकर्ता बोलते हैं कि सब की जिम्मेदारी लिए है क्या मर जाएं तो हम क्या करें! वहीं रहवासी गुड़िया ने बताया कि हम आंगन में काम कर रहे थे उसी दौरान हैवी खननकर्तायो के द्वारा ब्लास्टिंग किया गया जिसका पत्थर उड़कर आंगन मे गिर गया हम बाल बाल बच गए। खनन माफियाओ द्वारा ब्लास्टिंग करने का कोई समय ही निर्धारित नहीं है कभी एक बजे, तो कभी दो बजे तो कभी तीन बजे बिना सूचना के हीं ब्लास्टिंग उड़ा देते हैं। चौबीस घंटों में तीन घंटा हर रोज भयानक भय से गुजरना पड़ता है।आसपास समेत एक किलोमीटर दूर तक हैबी ब्लास्टिंग अपना असर छोड़ता है जिसके कारण क्षेत्र में बने कीमती मकानो में दरार हो गया है कई बार अनशन करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती है, स्थानीय निवासि विवश हैं पत्थर खनन कर्ताओं का बल्ले बल्ले है। जहा उच्च शासन प्रशासन समेत कोई सुनने को तैयार नहीं। इस संबंध में ज्येष्ठ खान अधिकारी सोनभद्र में मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया है उनका फोन रिसीव नहीं हुआ व सर्वेयर योगेश शुक्ला का फोन नही नही रहा है।