विंध्य ज्योति गाजीपुर। शिव शंकर पाण्डेय
गाजीपुर जिले में बेमौसम बारिश होने से क्रय केंद्रों तक पहुंचे सैकड़ों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे रखे जाने से भीग रहे हैं। स्थिति यह है कि कहीं बोरों में तो कहीं फर्श पर पड़े इन धानों को सुरक्षित करने के लिए तिरपाल से ढंका नहीं गया है, जिससे उनके खराब होने की संभावना बढ़ गई है। बेमौसम बारिश से अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। हाल यह है कि करीब 40 प्रतिशत से ऊपर धान खेत और खलिहानों में पड़े हुए हैं।धान की खरीद के लिए जिले में 173 केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही एक नवंबर से खरीद भी शुरू हो गई, लेकिन अब तक मात्र पांच प्रतिशत ही धान केंद्रों तक पहुंचा है। वहीं कई ग्रामीण इलाकों के किसान धान को खलिहानों में रखे हुए हैं। इधर, मौसम में आए परिवर्तन से 29 नवंबर को हल्की बूंदाबांदी हुई। बावजूद केंद्रों पर खुले आसमान के नीचे पड़े धानों को सुरक्षित करने के लिए तिरपाल आदि की व्यवस्था नहीं की गई। दूसरे दिन बृहस्पतिवार को सुबह से ही शुरू हुई बूंदाबांदी देर शाम तक रूक-रूक जारी रही। ऐसे में खुले आसमान के नीचे रखे धान को बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। जबकि महकमा केंद्र पर आए धानों को बारिश से बचाव के लिए तिरपाल सहित अन्य व्यवस्था से सुरक्षित करने का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर हैं।