संवाददाता – रविन्द्र सिंह।
31 अक्टूबर तक सड़के गड्ढा मुक्त हो,सरकार का संकल्प सड़कों का हो कायाकल्प।
राजगढ़/मीरजापुर। राजगढ़ क्षेत्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों हालत खराब हो चुकी है। हर साल नई सड़क बनाई जाती है। लेकिन 6 महीने के भीतर ही सड़के गड्ढे में तब्दील हो रही है। किसान इंटर कॉलेज राजगढ़ से मधुपुर को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण पिछले वर्ष किया गया था और सड़क के दोनों तरफ पुत्री को मिट्टी डालना चाहिए था लेकिन ठेकेदार ने मिट्टी नहीं डाला जिससे सड़क की पटरी पर जाने पर लोग गिरकर घायल हो रहे हैं साथ ही क्षतिग्रस्त पुलिया का निर्माण ठेकेदार द्वारा नहीं कराया गया जिससे आए दिन बाइक सवार और चार पहिया वाहन गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो रही है ठेकेदार की लगावाही आम जन पर भारी पड़ रही है। सड़क बनवाने में सरकार रुचि नहीं ले रही है। जिससे नक्सल क्षेत्र की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं।नौडिहवा से धनसीरिया नहर की पटरी गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। लगभग दो दर्जन से ज्यादा सड़कों का हाल बेहद खराब हो चुका है।गिट्टियां उखड़ चुकी है। और खेतों में चली गई है। राजगढ़ क्षेत्र के बिशनपुर संपर्क मार्ग पूरी तरह से गड्ढों यहां पर सड़कों में गड्ढे या गड्ढे में सड़क समझ में नहीं आता है। 2 साल से बिशनपुरा गांव की सड़क में गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। नौडिहवा से निकरिका सड़क संपर्क मार्ग गड्ढे में तब्दील। नौडिहवा से पुरैनिया सड़क संपर्क मार्ग 3 साल से गड्ढों में तब्दील। धनसिरिया से निकरिका संपर्क मार्ग,धनसिरिया से चौखडा संपर्क मार्ग, सेमराबरहो से चंदनपुर संपर्क मार्ग,बिसुनपुरा संपर्क मार्ग,खमरिया से सोनबरसा संपर्क मार्ग,गढ़वा से कोन भरुहवा संपर्क मार्ग,नदिहार से कुड़ी संपर्क मार्ग,तालर चितबिश्राम संपर्क मार्ग,भीटी भवानीपुर संपर्क मार्ग,सेमराबरहो से भवानीपुर संपर्क मार्ग,दरवान से इन्दिरा नहर सड़क संपर्क मार्ग,लुसा रजवाहा नहर की पटरी सड़क संपर्क मार्ग, हिनौता संपर्क मार्ग,कुड़ी बिसहार संपर्क मार्ग, गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं।सड़कें इतनी खराब हो चुकी हैं। पता नहीं चल रहा है सड़क है या फिर गड्ढा है। घटिया क्वालिटी सड़क निर्माण होने से साल भर में ही सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं। क्षेत्र के जसवंत कुमार मौर्य ,संजय कुशवाहा, सुनील मौर्य, विकास यादव ,मनोज भारती, सत्येंद्र कुमार ,शिव शंकर सिंह, सुभाष सिंह, कृष्णानंद सिंह, संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, सूरज सिंह ने बताया कि साल भर में इन सड़कों को कायाकल्प किया गया था ।लेकिन ठेकेदार द्वारा घटिया किस्म का गिट्टी तारकोल की मात्रा नाम मात्र की और मोबिल का प्रयोग करके सड़क बना दिया गया। जिले के आलाअधिकारी कभी भी इन सड़कों का निरीक्षण नहीं करते हैं। जिससे ठेकेदार घटिया क्वालिटी का सड़क बनाकर चले आते हैं। स्थानीय लोगों के अलावा राहगीरों को भुगतना पड़ता है। राजगढ़ क्षेत्र की दो दर्जन से ज्यादा सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं। सरकार का संकल्प सड़कों का हो कायाकल्प सब हवा-हवाई साबित हो रही है।