संवाददाता – अनुज कुमार जायसवाल।
सोनभद्र। यूपी के सोनभद्र की जब भी चर्चा होती है तो पावर प्लांट के बाद खनन की सबसे ज्यादा चर्चा होती है। खनन की मंदी की बात हो या तेज़ी की बात इसका असर पूरे पूर्वांचल की मंडियों पर देखने को मिलता है। जिस वजह से खनन की कोई भी खबर सुर्खियां बन जाती है। इस समय सोनभद्र जिले में ज्येष्ठ खनन अधिकारी आशीष कुमार के तबादले को लेकर सुर्खियां बतौर रहा है। आशीष कुमार की उल्टी गिनती उस समय ही शुरू हो गई थी जब जुलाई में तत्कालीन खनन निदेशक रोशन जैकब सोनभद्र जिले के खनन एरिया का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान अवैध खनन, अवैध क्रेसिंग व अवैध परिवहन में बड़ी खामियां पाई गयी थी और पर्यावरण का जमकर हो रहे अवैध दोहन पर सकते में आ गई थी। खनन निदेशक के गुस्से का नतीजा तत्काल ही देखने को मिला। तत्काल कई खदानों को रद्द करने की प्रक्रिया और कई खदानों में पेनल्टी लगाई गई थी। मुख्यालय पर खनन से जुड़े जिम्मेदार अधिकारियों की हॉट टाक मीटिंग करने में बाद खनन के पट्टाधारकों द्वारा नियमों की अनदेखी कर अंधाधुंध अवैध खनन पर संयुक्त जांच टीम बनाकर डीएम को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। तत्कालीन खनन निदेशक के फैसले से अधिकारी सहित व्यपारी भी आवक रह गए। पेनाल्टी रद्द कराने की बहुत ही कोशिश हुई लेकिन फैसला लेने के बाद वापस लेने की आदत रोशन जैकब में नहीं थी। गुप्त रिपोर्ट में ज्येष्ठ खनन अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट आने पर उनपर गांज गिरी। हालाँकि यह भी सच है कि रोशन जैकब के ताबातोड़ फैसले से राजनीतिक और व्यवसायिक जगत में हड़कंप मच गया था और लखनऊ के सचिवालय के गलियारे में बहुत से राजनीति बाहुबली खनन से जुड़े लोग देखे जाने लगे थे। इसमे कामयाबी हाथ लगने की बात भी कही जाती रही है लेकिन ये बात उतनी भी सच है कि समय समय पर अधिकारियों का तबादला होने की परिक्रिया होती रहती है। कुछ माह पहले कई जिलों के खनन विभाग की टीम का ताबातोड़ तबादला भी हुआ था। उसमें सोनभद्र खनन विभाग की टीम अछूती रह गई थी। अब जाकर खनन अधिकारी बदले गए हो सकता है जिले के ईमानदार अधिकारी की भी बदलने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाये। अवैध खनन और परिवहन पर ताबातोड़ कार्रवाई करने वाले अधिकारी का तबादला होने पर शायद खनन क्षेत्र में मिठाईयां न बटने लगे। खेर खनन अधिकारी का तबादला क्यों हुआ इसकी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। सूत्र बताते है कुछ दिन पहले बिल्ली ओबरा खनन क्षेत्र के लीज का मामला सुर्खियों में था जिसको लेकर मुख्यालय के दो होटलों में दो बार प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जा चुकी थी। जिसमे लीज के मामले में दो दिग्गज पार्टी आमने-सामने भी आ गई थी। इसी मामले को लेकर ट्रांसफर की प्रक्रिया हुई है ऐसी चर्चा जोरों पर जिले में है। खनन विभाग मुख्यमंत्री योगी के पास है इसलिए इसमे किंतु परन्तु का सवाल ही नहीं। अब सोनभद्र जिले में जो भी चर्चा हो दबादले कि लेकिन महामहिम जो चाहेंगे वो ही होगा ये भी एक सत्य है।