बीजपुर(सोनभद्र): आदिवासी बाहुल्य क्षत्रो में बारिश न होने के कारण इंद्र देवता को खुश करने के लिए यहां के आदिवासी अपनी परंपरा के अनुसार मेंढक व मेंढकी की शादी करा कर भरपूर बारिश की मिन्नते करते है रविवार को म्योरपुर ब्लाक अंतर्गत पिंडारी गांव में मेढक का बारात ढोल बाजे के साथ निकला तो आदिवासी महिलाओं और पुरुषों ने जम कर ठुमके लगाए और इंद्र भगवान को खुश करने के लिए महिलाओ ने सुखत्त हवे खेती बारी, सूखे लगिन्न खेत री गीत गाए।बरात जवाहिर पंडो के घर से चल कर रंजनत पंडो के घर पहुंची जहां घरातियों ने बरातियों का जमकर स्वागत किया।बारातियों ने बताया कि मेढ़क मेढकी की शादी कराने में इंद्र देवता खुश होते है और अच्छी बारिश होती है । बारातियों और घारतियो ने मेडकी की शादी आदिवासी रितिरिवाज के साथ किया और ढोल बाजे के थाप पर महिलाओ ने नृत्य कर गीत गाए।मेड़की को दुल्हन की तरह सजाया गया और दूल्हे के साथ फेरे लगाए गए। इसके पूर्व दूल्हे और बारातियों ने देव स्थली पर माथा टेक कर इष्ट देव की पूजा किया गया।इस अनोखे बरात में काफी संख्या में पहुंच लोगो ने बारिश होने की प्रकृति और इंद्र भगवान से प्रार्थना कर दुआ मांगी हुआ भी कुछ ऐसा ही जैसे ही शादी का कार्यक्रम संपन्न हुआ क्षेत्र में घनघोर बादल छा गए और जमकर मूसलाधार बारिश शुरू हो गयी।बारिश के बाद ग्रामीण खुशी से झूम उठे।इस मौके पर उमेश कुमार,कुलदीप कुमार,अरविंद,मनोज,दिनेश,सुमित के साथ काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
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