संवाददाता – अनुज कुमार जायसवाल।
विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम व रैली का आयोजन।
सोनभद्र। मानवता व सभ्य समाज के लिए एक कलंक के रूप में मानव तस्करी की समस्या आज समूचे विश्व की समस्या है। मानव तस्करी के विरुद्ध जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 30 जुलाई को विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर मुख्यालय स्थित प. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्यति बालिका विद्यालय ,उरमौरा में एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया और रैली निकाल आमजनमानस को मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध के विषय में शिक्षित किया गया।
कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे “एक्सेस टू जस्टिस” के दूसरे चरण के सहयोगी ग्राम स्वराज्य समिति सोनभद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी, पुलिस की मानव तस्करी रोधी इकाई , जिला बाल संरक्षण इकाई, ने छात्राओं को मानव तस्करी क्या होती है ,इससे बचने के उपाय व इससे जुड़े कानूनी बिंदुओं की जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं व अध्यापिकाओं ने इस विषय से जुड़ी अपनी जिज्ञासाओं भरे प्रश्न भी वक्ताओं से पूछे व उनका समाधान प्राप्त किया। इस गोष्ठी के पश्चात विद्यालय की छात्राऐं मानव तस्करी विरोधी नारे लिखी तख्तियां लेकर सड़को पर निकाली और लोगो कों सन्देश दिया। इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी शुभ्रांशु शेखर शर्मा ने बताया इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि महिलाओं और बच्चों को जबरन श्रम एवं वेश्यावृत्ति से बचाया जा सके। ग्राम स्वराज्य समिति के सचिव महेशानंद भाई ने बताया कि यह दिवस मानव तस्करी के कारण होने वाले नुकसान तथा आम लोगों के जीवन पर इसके गंभीर प्रभाव को समझने का अवसर प्रदान करता है। विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानव तस्करी के मुद्दे से निपटने के साधन के रूप में वर्ष 2013 में नामित किया गया था एवं इस दिवस के माध्यम से मानव तस्करी से पीड़ित लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में भी मदद करता है। वर्ष 2003 से इन लोगों को बंदी बनाने वाले गिरोह से बचाने और उनकी पहचान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है वर्ष 2021 से इस दिवस की मूल भावना मानव तस्करी से पीड़ित लोगों को अनुभवों को साझा करने उनसे सीखने के महत्व पर प्रकाश डालती है। मानव तस्करी रोधी इकाई के प्रभारी निरीक्षक रामजी यादव ने बताया कि मानव तस्करी जबरदस्ती के जरिए लोगों को फंसाने और वित्तीय व्यक्तिगत लाभ के लिए उनका शोषण करने की प्रक्रिया है। मानव तस्करी में लड़कियों को यौन शोषण के लिए मजबूर किया जाता है इसके साथ ही व्यक्तियों को जोखिम भरे कारखानों में काम करने व महिलाओं को निजी घरों में काम करने के लिए भर्ती किया जाता है। ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे ने बताया कि भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों सहित अपने जनपद में यह एक आम समस्या है। मानव तस्करी से उत्पन्न यौन शोषण को रोकने के लिये गृह मंत्रालय भारत सरकार ने कई उपाय किए हैं। हर कोई अब टोकेगा मानव तस्करी रोकेगा के नारे के साथ छात्रों का आह्वान किया कि अब वे अपने गांव और आसपास मानव तस्करी को रोकने का कार्य करेंगी। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कल्पना सिन्हा, हेमालता मिश्रा, नूरु सबा , कुसुम यादव, वंदना सिंह , किरण , धनंजय कुमार , जिला बाल संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक ,मुख्य आरक्षी धनंजय यादव, अमन द्विवेदी वन स्टॉप सेन्टर से दीपिका सिंग, ग्राम स्वराज्य समिति के अश्विनी सिंह आदि उपस्थित रहे।