
ब्यूरो रिपोर्ट सोनभद्र।
बीजपुर (सोनभद्र) एनटीपीसी रिहंद परियोजना के समीप खैरी स्थित झंडी पहाड़ी समेत अन्य छोटी बड़ी पहाड़ियों के अस्तित्व इन दिनों खतरे में नजर आ रहा है। अवैध खनन करता इन दिनों पूरी पहाड़ी को ही नेस्तनाबूद करने पर तुले हुए हैं बताया जाता है कि खनन माफियाओं द्वारा पूरी पहाड़ी को रात में काट-काट कर मिटिहिनी बंधे को ऊंचा किया जा रहा है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रात भर पोकलेन मशीन से पहाड़ी का सीना चीर कर दर्जनों हाइवा में भर कर बंधे समेत अन्य कार्यो में चोरी छिपे उपयोग में लाया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि पहाड़ियों के कटान का यह सारा खेल वन क्षेत्रीय वन अधिकारियों के संज्ञान में होने के बावजूद भी कोई ठोस कार्यवाई न करके केवल छिछली सुरक्षा खाई खोदकर अपना दामन बचाने की कोशिश किया जा रहा है जबकि पोकलेन जैसी भारी भरकम मशीनों के लिये ऐसी सुरक्षा खाई नगण्य है। अभी पिछले हफ्ते ओबरा के बिल्ली में अवैध खनन में सात मजदूरों की जान जाने के बावजूद भी वन विभाग शासन प्रशासन खेल देखने के बावजूद भी आंख मूंदे बैठकर मौन धारण किये हुए हैं ।अगर इस पर जल्द रोक नही लगाया गया तो पूरी पहाड़ी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा तथा जंगली जीव जंतुओं समेत रिहंद डैम के लिए भी खतरा बन जायेगा।जब स्थानीय पत्रकारों द्वारा क्षेत्रीय वन अधिकारी सुधीर कुमार सिंह से बात किया गया तो उन्होंने अपने वन दरोगा और सुरक्षा खाई खोदने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।


