लखनऊ. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां चरम पर हैं, और अब उत्तर प्रदेश की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने बड़ा ऐलान कर दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी बिहार में 100 से अधिक सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. NDA गठबंधन के तहत सीट न मिलने के बाद यह ऐलान किया गया. सुभासपा के राष्ट्रीय महसचिन अरविन्द राजभर ने कहा कि अगर चार सीटें भी मिलती तो हम यह फैसला नहीं लेते। सुभासपा की इस रणनीति से बिहार चुनाव में नए समीकरण पैदा हो सकते हैं.
NDA में सुभासपा को नहीं मिली सीट
यह ऐलान ऐसे समय पर आया है जब NDA ने हाल ही में अपनी सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल किया है. भाजपा और जेडीयू को 101-101 सीटें मिली हैं, जबकि चिराग पासवान की LJP (रामविलास) को 29 और अन्य सहयोगियों को भी सीट दिया गया है. SBSP को इस सूची में जगह नहीं मिली. SBSP के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने भी कहा, “भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात हुई थी, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही. अगर गठबंधन में जगह न मिले, तो अकेले लड़ेंगे.”
बदल सकते हैं समीकरण
SBSP की यह रणनीति बिहार की राजनीति में भूचाल ला सकती है. पार्टी पूर्वी यूपी से सटे बिहार के जिलों जैसे बलिया, गाजीपुर और पूर्वांचल सीमा वाले इलाकों में मजबूत है, जहां राजभर समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. 2020 के बिहार चुनाव में SBSP ने ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट के हिस्से के रूप में 5 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली. अब 2025 में अकेले उतरकर पार्टी का लक्ष्य कम से कम 20-25 सीटें जीतना है, जो NDA के बहुमत को प्रभावित कर सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला भाजपा के लिए चुनौती बनेगा, क्योंकि SBSP के वोट कटने से जेडीयू और भाजपा दोनों को नुकसान हो सकता है.
तेज होगा चुनाव प्रचार
राजभर ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हम सुहेलदेव महाराज के आदर्शों पर चलते हैं – सामाजिक न्याय और पिछड़ों का उत्थान. बिहार सरकार की योजनाओं में राजभर समुदाय को ST का दर्जा देने की मांग करेंगे.” पार्टी ने अगले हफ्ते से प्रचार अभियान तेज करने का प्लान बनाया है, जिसमें रैलियां और पदयात्राएं शामिल हैं.
बिहार में दो चरणों में चुनाव
बिहार चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी. SBSP के इस ऐलान से विपक्ष को भी फायदा मिल सकता है, लेकिन राजभर ने साफ कहा कि उनकी लड़ाई तीसरे मोर्चे की होगी. अब सभी की नजरें NDA की प्रतिक्रिया पर हैं – क्या वे SBSP को मनाएंगे या फिर बिहार की सियासत में नया ट्विस्ट आएगा?



