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Lemongrass Ki Kheti: कन्नौज के किसान अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ औषधीय और सुगंधित पौधों की ओर रुख कर रहे हैं. जिनमें से एक है लेमनग्रास की खेती जो किसानों के लिए कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल साबित हो रही है.
किस मिट्टी में होती है बेहतर खेती?
विशेषज्ञों के अनुसार, लेमनग्रास की खेती के लिए दोमट और हल्की बलुई मिट्टी सबसे अच्छी रहती है. एक हेक्टेयर खेत तैयार करने में लगभग 40 से 50 हजार रुपए की लागत आती है. एक बार पौधा लगाने के बाद यह फसल 5–6 साल तक लगातार उत्पादन देती है, जिससे बार-बार पौधारोपण पर खर्च नहीं करना पड़ता.
लेमनग्रास से निकलने वाला तेल इत्र, कॉस्मेटिक, दवाइयां, साबुन, हर्बल प्रोडक्ट और अरोमा थेरेपी में उपयोग होता है. इसकी पत्तियों से निकलने वाला तेल बाजार में ₹1,200 से ₹1,600 प्रति लीटर बिकता है. एक हेक्टेयर में सालाना औसतन 80–100 किलो तेल निकलता है, जिससे किसान को प्रति वर्ष लगभग 1.5 से 2 लाख रुपए शुद्ध लाभ हो सकता है.
किसानों को सलाह दी गई है कि वे लेमनग्रास की खेती को सीधे औषधीय और इत्र उद्योगों से जोड़ें, ताकि उन्हें उचित दाम मिल सके. साथ ही सरकार द्वारा दी जा रही औषधीय एवं सुगंधित पौधों पर सब्सिडी योजनाओं का लाभ उठाकर किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं.

पिछले 5 साल से मीडिया में सक्रिय, वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. डिजिटल और प्रिंट मीडिया दोनों का अनुभव है. मुझे लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें लिखना और पढ़ना पसंद है.
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