
विंध्य ज्योति राजन जायसवाल
कोन / सोनभद्र – जनपद सोनभद्र उत्तर प्रदेश का एक अति पिछड़ा नक्सल प्रभावित एवं आदिवासी बहुल क्षेत्र है. जिसे शासत स्तर से एस्पिरेशनल जनपद घोषित कर विशेष प्राथमिकता दी गई है। परंतु खेद की बात है कि यहाँ पचायत विभाग में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिसके कारण शासन की योजनाओं का लाभवास्तविक लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिसके क्रम में ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी कुमार जायसवाल ने आरोप लगाया है कि जनपद में जिला पंचायत राज अधिकारी एवं विभाग में वर्षों से जमे कुछ कर्मचारियों द्वारा योजनाओं का संचालन चहेते व्यक्तियों के इशारे पर किया जा रहा है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उदाहरण स्वरूप अंत्येष्टि स्थल निर्माण में अनियमितता शासन की मंशा के अनुसार प्रत्येक विकासखंड में ₹22 लाख की लागत से अत्येष्टि स्थलों का निर्माण किया जाना था, कितु अधिकांश कार्य जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों में मानकों के विपरीत निजी लाभ हेतु कराए गए। फ्लाई ऐश ईट यूनिट का फर्जी संचालन जनपद में 6 पलाई ऐश ईंट यूनिट केवल कागजों पर चालू दिखाकर लाखों रुपए की बदरबांट की जा रही है।नाली व खड़जा निर्माण में घोटाला लंबी ग्राम पंचायतों में प्रस्तावित 11-12 लाख की योजना बिना जिलाधिकारी की वित्तीय स्वीकृति के कुछ सचिवो द्वारा टुकड़ों में बाँटकर कार्य कयाए जा रहे है और जनप्रतिनिधियों का शोषण किया जा रहा है।गलत भुगतान पर कार्यवाही में लापरवाही विकासखंड नगवां के ग्राम पंचायत सरईगढ़ में गलत भुगतान पर जिला विकास अधिकारी द्वारा कार्यवाही का निर्देश देने के बावजद कोई कार्रवाई नहीं की गई और मामले को दबा दिया गया।मजदूरी भुगतान में धांधली विकासखंड चोपन के ग्राम पंचायत पनारी में मजदूरी का भुगतान मजदूरों के खाते में न कर कुछ लोगों के खातों में कराया गया है, जिसकी शिननयत के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई।ADPRO तकनीकी जांच की उपेक्षा
तकनीक्र जांच अधिकारी (ADPRO) की नियुक्ति होने के बावजूद शिकायतों की निष्पक्ष जांच नहीं कराई जाती है। जांच रिपोर्ट आने पर भी उन्हें दवा दिया जाता है।निर्माण कार्यों से एक ही ठेकेदार को अनुचित लाभकुछ विकास खंडों में वर्षों से एक ही ठेकेदार को टेंडर देकर विकास निधियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और किसी भी शिकायत पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती।
जिसके क्रम में उन्होंने जनपद सोनभद्र के जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय एवं संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच कराकर दोषियों पर कठोर कार्यवाही की आए, जिससे शासन की योजनाए पारदर्शिता एवं न्यायपूर्ण तरीके से संचालित हो सके तथा गरीब एवं अनपढ़ जनप्रतिनिधियों का शोषण रोका जा सके।

