नई दिल्ली: नीरज चोपड़ा ने 16 मई को दोहा डाइमंड लीग में 90.23 मीटर की दूर निकालकर 90 या इससे ज्यादा दूरी तक भाला फेंकने वाले खिलाड़ियों की एलीट सूची में जगह बनाई. गोल्ड समेत दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज की इस उपलब्धि पर गगन नारंग ने बड़ा बयान दिया है.
ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज गगन नारंग का मानना है कि 90 मीटर की ‘मानसिक बाधा’ को पार करने के बाद सुपरस्टार नीरज चोपड़ा अब अपनी सीमाओं को और आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे, जिससे कि वह ऐसे कार्य कर सकें जिन्हें पहले उनकी पहुंच से बाहर माना जाता था.
‘मैं 597, 598, 599 अंक जुटा रहा था, लेकिन लेकिन वह 600 – विश्व रिकॉर्ड आंकड़ा- नहीं आ रहा था. मैंने इसे व्यक्तिगत रूप से लिया और डेढ़ महीने बाद, मैंने वह रिकॉर्ड तोड़ दिया. जिसे सीमा के रूप में देखा जाता है, उससे आगे जाने की मानसिकता, यही हम अब नीरज के साथ देख रहे हैं.’
नारंग ने ‘पीटीआई वीडियोज’ से कहा, ‘अब वह अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हैं. नीरज हालांकि दोहा में जर्मनी के जूलियन वेबर के बाद दूसरे स्थान पर रहे, जिन्होंने 91.06 मीटर के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता.
नारंग ने इस उपलब्धि को भारतीय एथलेटिक्स के लिए बेहद शानदार बताया और इसके व्यापक महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ‘यह केवल दूरी के बारे में नहीं है. यह भारतीय खेल के लिए क्या संभव है इसे फिर से परिभाषित करने के बारे में है, विशेषकर वैश्विक मंच पर.’
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नारंग ने कहा, ‘यह उनके लिए सीजन की पहली प्रतियोगिता है. कई और प्रतियोगिताएं होने वाली हैं इसलिए उस बाधा को तोड़ना महत्वपूर्ण है, मुझे लगता है कि सही समय पर सही स्कोर प्राप्त करना महत्वपूर्ण है.’
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस उपलब्धि को आगे बढ़ाने के लिए नीरज के लिए यह आत्मविश्वास बेहद महत्वपूर्ण है. पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के मिशन प्रमुख के रूप में काम करने वाले नारंग ने निशानेबाजी में अपने अनुभव से तुलना की जहां 600 में से 600 अंक के स्कोर का पीछा करना एक मानसिक और शारीरिक चुनौती होती है.
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लंदन ओलंपिक 2012 के कांस्य पदक विजेता ने प्रस्तावित निशानेबाजी लीग के बारे में आशा व्यक्त की जिसे नवंबर 2025 में शुरू किया जाना है. उन्होंने कहा, ‘हम लंबे समय से एक लीग के बारे में सोच रहे हैं। भारतीय निशानेबाज बुंदेसलीगा में प्रतिस्पर्धा करने के लिए जर्मनी जाते हैं – अब समय आ गया है कि हम कुछ अलग करें.’


