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लखनऊ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी पर भड़काऊ पोस्ट के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है. यूनिवर्सिटी ने भी उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी का सोशल मीडिया पोस्ट विवादों में ह…और पढ़ें
लखनऊ में प्रोफेसर पर भड़काऊ पोस्ट डालने को लेकर एफआईआर की गई है.
हाइलाइट्स
- प्रोफेसर माद्री काकोटी पर भड़काऊ पोस्ट का आरोप.
- लखनऊ यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर को नोटिस जारी किया.
- पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की.
लखनऊ: भाषा विज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी कानूनी मुश्किलों में घिर गई हैं. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर कथित भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एबीवीपी लखनऊ के महानगर सहमंत्री जतिन शुक्ला उर्फ मनमोहन की तहरीर पर थाना हसनगंज पुलिस ने यह कार्रवाई की है. लखनऊ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी का सोशल मीडिया पोस्ट विवादों में है, लेकिन यह पाकिस्तान वायरल हो रहा है.
डॉक्टर काकोटी पर अपने एक्स हैंडल से आपत्तिजनक और भारत विरोधी पोस्ट करने का आरोप है. एफआईआर में कहा गया है कि डॉ. काकोटी की पोस्ट भारत की शांति व्यवस्था के लिए खतरा है और उनकी योजना देश में दंगे भड़काने की है. प्रोफेसर पर भड़काऊ और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का भी आरोप है. इससे लोगों में आक्रोश है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी तत्काल एक्शन लिया है. यूनिवर्सिटी ने डॉ. काकोटी को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ क्यों न कार्रवाई की जाए. उन्हें इस नोटिस का जवाब पांच दिनों के अंदर देने का आदेश दिया गया है.
चौंकाने वाली बात यह है कि डॉ. काकोटी की विवादास्पद पोस्ट पाकिस्तानी मीडिया चैनलों पर भी शेयर की जा रही हैं, जिससे यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तूल पकड़ रहा है. उनकी पोस्ट पाकिस्तान में तेजी से वायरल हो रही है, जिसे लेकर भारत में कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. एफआईआर दर्ज होने के बाद थाना हसनगंज पुलिस मामले की गहन जांच में जुट गई है. पुलिस डॉ. काकोटी के सोशल मीडिया अकाउंट्स की पड़ताल कर रही है और उनके द्वारा किए गए पोस्ट की सत्यता और मंशा का पता लगाने की कोशिश कर रही है. इस मामले में आगे और भी खुलासे होने की संभावना है.
इस घटना ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रों में भी गुस्सा पैदा कर दिया है. छात्रों का एक वर्ग प्रोफेसर के इस कृत्य की कड़ी निंदा कर रहा है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहीं, कुछ लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए इस कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं.


