संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज।
डाला सोनभद्र। शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ चार दिनों तक चले लोक आस्था के महापर्व डाला छठ का समापन किया गया। व्रती महिलाओं ने अपने 36 घंटे के कठिन व्रत को पूर्ण किया। डाला चढाई, झपरहवा टोला छठ घाट सेक्टर सी हनुमान मंदिर छठ घाट, कुर्द हवा नाला डाला बारी सोन नदी छठ घाट कोटा ग्राम पंचायत क्षेत्र के गुरमूरा, कोटा आदि के पोखरा एवं नदियों के छठ घाटों समेत अन्य छोटे बड़े घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। इस दौरान प्रशासन मुस्तैद रहा।तीसरे दिन व्रती महिलाएं और पुरुष डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। अंतिम दिन शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई गई। इस पूजा में छठी मैया की विशेष कृपा पाने की आशा में महिलाएं नदी या तालाब के किनारे एकत्र होकर हाथों में दीपक और सिर पर टोकरी लेकर पहुंचीं। टोकरी में गन्ना, फल, ठेकुआ, और अन्य पूजा सामग्री रखी गई थी। सुबह-सुबह जैसे ही भगवान भास्कर ने अपनी किरणें फैलाईं, घाटों पर “हर हर महादेव” और “जय छठी मैया” के नारों से वातावरण गूंज उठा।घाटों पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने पारंपरिक गीतों पर नृत्य किया और आतिशबाजी का आनंद लिया। हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे भक्तो को छठ घाटों के आयोजित कर्ताओं व समाजसेवी द्वारा प्रसाद वितरण भी किया गया। महिलाएं व्रत के समापन के बाद बड़ों का आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण करती हैं। उन्होंने बताया कि इस व्रत का पालन पूरी स्वच्छता और नियमों के साथ किया जाता है और इसे सुख, समृद्धि और संतान प्राप्ति की कामना के लिए किया जाता है। सूबे के समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड़ व उनकी पत्नी चोपन ब्लाक प्रमुख लीला सिंह गोंड़ सपरिवार सहित बारी स्थित सोन नदी छठ घाट पर उगते सूर्य को अर्घ्य समर्पित कर 101 वेदियों पर नारियल व धूपबत्ती छठ मईया भगवान भास्कर को अर्पित किया गया वहीं घाटों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। राज्यमंत्री संजीव सिंह गोंड़ द्वारा छठ घाट पर रहने वाली व्रती महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका पूरा इंतजाम के साथ सुरक्षा घेरा में रात्रि देवी जागरण कार्यक्रम आयोजित किया गया जहा वहीं इस वर्ष चर्चा गर्म रहा की वार्ड नं 6 में स्थित कुरदहवां छठ घाट पर दूषित पानी होने के कारण कुछ व्रती महिलाओं ने अपने घरों के छत पर बड़े बर्तनों में पानी भर कर विधि विधान से पूजन कर सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रत्येक वर्ष इस छठ घाट पर पूजा करते आ रहे सुधीर सिंह व मनोज आदि की मानें तो यहां हजारों भक्तों की भीड़ लगती थी। सैकड़ों से अधिक परिवारों की महिलाएं पूजा करती थीं लेकिन अब धीरे धीरे कुरदहवां नाला का अस्तित्व खत्म होने के साथ ही उसमें गंदगी फैली हुई है। गंदी नालियों का पानी इस नाले में आने से बदबू भी आ रही है। जिसके कारण कुछ महिलाओं ने घर की छत पर किसी बड़े बर्तन में पानी भरकर अर्घ्य दिया। जहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डाला चौकी इंचार्ज शिव कुमार सिंह अपने टीम के साथ समयानुसार मुस्तैद एव नगर पंचायत के कर्मी समेत नगर युवा समाजसेवी और अन्य संगठन तत्पर रहे, जिससे घाटों पर सकुशल पूजा संपन्न हो सकी।