संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज।
डाला सोनभद्र- नगर में आस्था का महापर्व छठ खासतौर से दिल्ली बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है. चार दिवसीय पर्व सूर्यदेव और छठी मैया को समर्पित होता है. छठ पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टि से बहुत महत्व माना गया है. छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय से होती है. यह त्योहार 4 दिनों तक चलता है. छठ पूजा के दूसरे दिन खरना का परंपरा भाई जाती है. छठ के तीसरे दिन यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा की जाती है. छठ पूजा के चौथे दिन सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन हो जाता है. आज यानी 7 नवंबर गुरुवार को छठ पूजा का तीसरा दिन है और इस दिन सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दिया जाता है. मान्यताओं के अनुसार, छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य तो दिया ही जाता है, लेकिन अर्घ्य देने के बाद शाम में व्रती महिलाएं व्रत कथा का पाठ भी करती हैं. कहा जाता है कि संध्या अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं को इस व्रत कथाएं भी सुनते हैं संध्या अर्घ्य का समय 2024
द्रिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 7 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6:42 बजे होगा. वहीं, सूर्यास्त शाम 5:48 बजे होगा. इस दिन भक्त कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. ऐसे में छठ पर्व के तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के लिए शाम 5 बजकर 29 मिनट तक का समय रहेगा. वहीं नगर पंचायत डाला बाजार नगर में स्थित डाला चढ़ाई छठ घाट, झपरहवा छठ घाट, सेक्टर सी हनुमान मंदिर छठ घाट, काली मंदिर छठ घाट कुर्द हवा नाला छठ घाट डाला बारी छठ घाट पर छठ घाट बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है जहां नगर पंचायत डाला बाजार द्वारा समस्त छठ घाटों की साफ-सफाई चुस्त दुरुस्त दिखाई दिया वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से समस्त छठ घाटों पर डाला चौकी इंचार्ज शिव कुमार सिंह अपने टीम के साथ उपस्थित रहे और नगर के समस्त छठ घाटों की आयोजित कर्ता भी अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दिखाई दिए ।