-रामलीला मंचन के पांचवें दिन भगवान पहुंचे चित्रकूटश्रीरामलीला मैदान में रामलीला मंचन के चौथे दिन दशरथ का प्राण त्याग, भरत का अयोध्या में आगमन, राम भर
देवरिया। निज संवाददाता श्रीरामलीला मैदान में रामलीला मंचन के चौथे दिन दशरथ का प्राण त्याग, भरत का अयोध्या में आगमन, राम भरत मिलन, सूर्पणखा प्रसंग, सीताहरण, जटायु मरण, सुग्रीव की मित्रता की कथा की भावपूर्ण प्रस्तुति हुई। सुंदर मंचन पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। पांडाल जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। मुरादाबार का कृष्णार्जुन कला मंच श्रीरामलीला प्रस्तुत कर रहा है।
कृष्णार्जुन कला मंच के कलाकारों ने श्रीरामदरबार का पूजन व दीप प्रज्ज्वल्लन कर मंचन का शुभारंभ किया। प्रथम दृश्य में मंच पर अयोध्या के राजा दशरथ पुत्र मोह में अपने प्राण त्याग देते हैं। उन्हें श्रवण कुमार के माता-पिता के शाप का बोध होता है। भरत व शत्रुघ्न अयोध्या पहुंचते हैं। सारी स्थिति का बोध करते हैं। मां कैकेयी का त्याग करते हैं। अगले दृश्य में भरत अयोध्यावासियों के साथ श्रीराम को मनाने चित्रकूट पहुंचते हैं। राम भरत का अद्भुत मिलन होता है। श्रीराम भरत का आग्रह ठुकराकर पिता के वचन को पूर्ण कर वापस अयोध्या लौटने का भरोसा देते हैं। भरत जी श्रीराम की खड़ाऊं लेकर अयोध्या लौट आते हैं। अगले दृश्य में भगवान राम पिता को तिलांजलि देकर पंचवटी में निवास करते हैं। यहां सूर्पणखा आती है। विवाह के लिए राम व लक्ष्मण को रिझाती है। इससे परेशान होकर लक्ष्मण सूर्पणखा का नाक-कान काट देते हैं। अपमानित होकर सूर्पणखा लंका में भाई रावण के पास जाकर पीड़ा बताती है। अगले दृश्य में रावण, मारीच को स्वर्ण मृग बनाकर पंचवटी भेजता है। राणव धोखे से सीता का हरण करता है। रास्ते में रावण को रोकने के प्रयास में पंख कटवाकर पृथ्वी पर गिर जाता है। दृश्य बदलता है। इसमें रामजी शबरी के आश्रम में पहुँचते हैं। शबरी बताती है कि प्रभु आप ऋष्यमूक पर्वत की ओर प्रस्थान किए। वहां सुग्रीव से आपकी मुलाकात होगी। वही आपकी सहायता करेंगे। इधर लंका में माता सीता एवं रावण संवाद होता है। इस पर रावण क्रोधित होकर चला जाता है। अंत में आरती के साथ रामलीला मंचन विराम लेता है। इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष अरूण कुमार बरनवाल, मंत्री निखिल कुमार सोनी, कोषाध्यक्ष कमलेश मित्तल, राजेन्द्र जायसवाल, डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, सुभाष मद्धेशिया, सुनील सोनी, शंखपाल सर्राफ, नन्दजी वर्मा, कैलाश वर्मा, कपिल सोनी, कंचन बरनवाल, नरेन्द्र बरनवाल, कृष्ण मोहन गुप्ता, दिनेश आदि उपस्थित रहे।