देवरिया में महायोजना 2031 लागू होने से किसानों और भूस्वामियों को जमीन के उपयोग में कठिनाई हो रही है। नक्शे में भूमि नंबरों का अभाव होने के कारण वे अपनी जमीन के भू उपयोग को नहीं समझ पा रहे हैं। कई लोग…
देवरिया, निज संवाददाता। जिला मुख्यालय के व्यवस्थित विकास के लिए तैयार महायोजना 2031 ने अलग ही कठिनाई उत्पन्न कर दिया है। योजना में चिन्हित भू उपयोग में जमीनों के नंबर दर्ज नहीं होने से किसान और भूस्वामी परेशान हैं। उन्हें नहीं सूझ रहा है कि उनकी जमीन किस क्षेत्र में आती है। इसको लेकर कुछ लोग आरबीओ कार्यालय का चक्कर भी लगा चुके हैं। वहीं कुछ इधर उधर जानकारों से पता करने में जुटे हैं। दो साल से चल रही महायोजना 2031 आपत्तियों, सुझावों व संशोधनों के बाद विगत सितंबर माह में लागू हो गई। इससे महायोजना को लेकर चल रही उठापठक शांत होने की उम्मीद लोगों में जग गई। महायोजना के जारी नक्शे में टाउन एंड प्लानिंग विभाग ने क्षेत्र में आवासीय, हरित क्षेत्र, पार्क, व्यावसायिक व औद्यौगिक क्षेत्र, स्पोर्ट्स एरिया, स्वास्थ्य सुविधाओं समेत नगर की आवश्यकताओं के अनुसार भूमि को आरक्षित कर दिया। किसानों व भू स्वामियों की कठिनाईयां इसके बाद ही शुरू हो गईं। अब भूस्वामी अपनी भूमि का उपयोग करने से पहले अपनी जमीन की स्थिति जानने का प्रयास करने लगे, जिससे वह अपने लिए व्यवसाय या घर बनाने के लिए इसका उपयोग कर सकें। कुछ लोग आरबीओ कार्यालय भी पहुंच गए। उन्होंने कार्यालय में पहुंचकर अपनी जमीन का भू उपयोग जानने की कोशिश किया तो पता चला कि अभी महायोजना 2031 के नक्शे की मैपिंग क्षेत्र के लेखपाल के नक्शे से नहीं कराई गई है। इसके चलते किसी भूमि का ठीक ठीक भू उपयोग बताना संभव नहीं हो पाएगा। यह स्थिति उस क्षेत्र में और विकट हो गई है, जहां पर नक्शे में दो प्रकार के भू उपयोग की बाउंड्री लाइन है। वहां की जमीन का नंबर स्पष्ट रूप से किस भू उपयोग के तहत आता है, इसको लेकर विभाग कुछ भी बता पाने में असमर्थ है।
एक ऐसा ही मामला पिपरपांती का आया, जब महायोजना 2031 लागू होने की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद व भागा भागा आरबीओ कार्यालय पहुंचा। उसने वहां बैठे जूनियर इंजीनियर से अपनी जमीन का नंबर बताकर भू उपयोग जानने का प्रयास किया। उसे अपनी भूमि का रोजगार सृजन के लिए उपयोग करना था, पर जेई ने नक्शे की मैपिंग के बाद ही संबंधित जमीन के भू उपयोग की जानकारी दे पाने की बात कही। वहीं साकेत नगर में महायोजना लागू होने से ठीक पहले एक व्यक्ति ने अपने मकान का नक्शा पास कराकर घर बनवा लिया। उन्हें परिचितों ने महायोजना लागू होने की जानकारी दी और कह दिया अब सड़क चौड़ी होगी, आपने अनावश्यक घर में पैसा फंसा दिया। इसके बाद वह व्यक्ति परेशान हो गया। उसने अपने दोस्तों, परिचितों के माध्यम से वस्तुस्थिति की जानकारी लेनी चाही। सही बात जानने में एक सप्ताह लग गए।
महायोजना के नक्शे में जमीनों के नहीं बताए नंबर
महायोजना 2031 के नक्शे को प्रदेश सरकार ने स्वीकृत कर लिया, पर इसमें शामिल विभिन्न प्रकार के भू उपयोग के लिए जमीनों नंबर को स्पष्ट नहीं किया गया है। नक्शा में दर्ज खेल परिसर, हरित क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, औद्यौगिक क्षेत्र, व्यावसायिक क्षेत्र समेत विभिन्न प्रकार के भू उपयोग क्षेत्र में शामिल जमीनों के नंबर को मैपिंग न होने के चलते जारी नहीं किया गया है।