देवरिया, निज संवाददाता। जिलाधिकारी द्वारा बनकटा विकास खंड के ग्राम पंचायत अघांव के ग्राम
देवरिया, निज संवाददाता। जिलाधिकारी द्वारा बनकटा विकास खंड के ग्राम पंचायत अघांव के ग्राम प्रधान के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर पावर सीज करते हुए त्रिस्तरीय कमेटी किया था। इस मामले में ग्राम प्रधान को हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश दिया है। कोर्ट के निर्देश पर जिलाधिकारी ने पुनः उन्हें प्रधान पद के शक्तियों के प्रयोग व कार्यों के निष्पादन हेतु कार्य करने हेतु अधिकृत किया है।
ग्राम प्रधान दिनेश यादव द्वारा ग्राम पंचायत के सामुदायिक शौचालय की केयर टेकर राजकली देवी का मानदेय भुगतान न करने, सामुदायिक शौचालय के संचालन में बाधा उत्पन्न कर सरकार के खुले में शौच मुक्त अभियान को प्रभावित करने तथा पदीय दायित्व का निर्वहन करने में प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाया गया था। इस पर जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने 30 जुलाई 2024 को ग्राम प्रधान का पावर सीज करते हुए ग्राम पंचायत के कार्यों के संचालन के लिए त्रिस्तरीय कमेटी गठित कर दी थी।
इसे लेकर ग्राम प्रधान ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। ग्राम प्रधान की याचिका पर हाई कोर्ट ने 30 जुलाई के डीएम के आदेश पर स्थगन आदेश पारित किया है। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने कोर्ट के आदेश पर ग्राम प्रधान के अधिकार को बहाल कर दिया है। उन्होंने जारी पत्र में कहा है कि यह आदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतिम निर्णय के अधीन होगा।