मदनपुर (देवरिया) में 55 करोड़ की लागत से मोहरा-बैरियां घाट पर एक पक्के पुल का निर्माण तेज हो गया है। यह पुल 14 पायों पर बनेगा और देवरिया व बड़हलगंज के बीच की दूरी को कम करेगा। ग्रामीणों की मांग पर…
मदनपुर(देवरिया), अजय कुमार पाण्डेय। क्षेत्र के राप्ती नदी तट स्थित मोहरा-बैरियां घाट पर 55 करोड़ की लागत से पक्के पुल निर्माण की कवायद तेज हो गई है। इसके लिए सेतु निगम की ओर से कार्य योजना तैयार कर लखनऊ भेजा गया है। 14 पायों पर बनकर तैयार होने वाले पुल से देवरिया व बड़हलगंज की दूरी में काफी अंतर आएगा। इसको लेकर लोगों में हर्ष है। राप्ती तट स्थित मोहरा-बैरियां घाट के रास्ते लोग बड़हलगंज होते हुए गोरखपुर जनपद में प्रवेश करते हैं। पुल न होने से लोगों को नाव व पीपा पुल के रास्ते आवागमन करना मजबूरी होता है। बरसात के दिनों में नदी के उफनाने के कारण लंबी दूरी तय करना मजबूरी हो जाता है। ग्रामीणों की मांग पर केंद्रीय राज्यमंत्री व बांसगांव सांसद कमलेश पासवाान की पहल पर क्षेत्रीय विधायक दीपक मिश्र शाका ने विभाग को प्रस्ताव भेजा था। जिस पर शासन की ओर से मंजूरी दे दिया गया है। उप परियोजना प्रबंधक देवरिया ने 19 सितंबर 2024 को प्रारंभिक आगणन तैयार कर रिपोर्ट प्रेषित कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार रामजानकी मार्ग स्थित कपरवार उग्रसेन पुल से मोहरा-बैरियां घाट की हवाई मार्ग की दूरी 5.50 किलोमीटर है। मोहरा स्थित नदी तट पर करीब 55 करोड़ की लागत से 14 पायों पर 394 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा। पुल के दोनों तरफ संपर्क मार्ग व सुरक्षात्मक कार्य भी कराया जाएगा। बताया जा रहा है कि देवरिया से बड़हलगंज जाने के लिए लोग बरहज-कपरवार के रास्ते 52 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। लेकिन पुल बन जाने से यह दूरी देवरिया से पकड़ी बाजार, बरांव के रास्ते 40 किलोमीटर हो जाएगी। हालांकि शासन ने पकड़ी बाजार से मोहरा तक टू-लेन सड़क बनाने की मंजूरी दे दिया है।
2017 में पीपा पुल के रास्ते सुलभ हुआ था आवागमन
मोहरा गांव स्थित राप्ती तट से लोग नाव के जरिए आवागमन करते हैं। बरसात के मौसम करीब छह माह तक लोगों के लिए यह सफर जान जोखिम में डालने जैसा होता था। नाव से आवागमन में सबसे ज्यादा महिला, बच्चों व बुजुर्गों को दिक्कतें पेश आती थीं। लोगों की मांग पर 2017 में तत्कालीन पूर्व मंत्री व क्षेत्रीय विधायक प्रेमप्रकाश सिंह ने पीपा पुल स्वीकृत कराया था।