एमपी में मौलवी ने मुस्लिमों से नवरात्री में गरबा से दूर रहने की अपील की है। मौलवी ने इसके पीछे की वजह भी बताई।
मध्य प्रदेश के रतलाम शहर में एक मुस्लिम मौलवी ने अपने समुदाय के सदस्यों से नवरात्रि उत्सव के दौरान गरबा (लोक नृत्य) कार्यक्रमों से दूर रहने की अपील की। मौलवी ने इसके पीछे का तर्क देते हुए कहा कि यह उनकी आस्था के खिलाफ है। शहर के मुस्लिम प्रमुख मौलवी सैयद अहमद अली ने अपने समुदाय के लिए एक पत्र लिखा। उसमें कहा कि मैं मुस्लिम युवाओं, माताओं, बहनों और बेटियों से अनुरोध करता हूं कि वे मेलों में न जाएं और गरबा कार्यक्रम न देखें। इसके बजाय, मैं आपसे स्थिति को ध्यान में रखते हुए घर पर रहने का आह्वान करता हूं।
उन्होंने कहा कि इस्लाम में ऐसी गतिविधियां प्रतिबंधित हैं। मौलवी ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि उन्होंने ऐसा मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए कहा है। रतलाम शहर में कई गरबा कार्यक्रमों के आयोजकों ने गैर हिन्दुओं के प्रवेश को बैन कर रखा है। उन्होंने घुसने वाली जगहों पर इस तरह के आदेश वाले बैनर भी लगाए हुए हैं। इस बीच वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोटरसाइकिल से महिला पुलिसकर्मी गरबा स्थलों के आस-पास गश्त लगा रहे हैं। ताकि नवरात्री को बिना किसी घटना के संपन्न कराया जा सके।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि 25 महिला पुलिसकर्मियों की टीमें बनाईं गई हैं। ये लोग गरबा पंडाल के चारो तरफ शाम सात बजे से लेकर रात के 1 बजे तक गश्त लगाएंगीं। ताकि किसी भी तरह की घटना को होने से रोका जा सके। इससे पहले एक भाजपा नेता ने तब विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने आयोजकों से अनुरोध किया था कि वे लोगों को गरबा पंडालों में जाने से पहले आचमन कराएं या गोमूत्र पिलाएं। इसके लिए उन्होंने तर्क दिया था कि एक हिंदू इस अनुष्ठान से कभी इनकार नहीं कर सकता।