उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसाद को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की कुछ मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की ओर से कराए गए 13 विभिन्न प्रकार के टेस्ट से गुजरा गया।
तिरुपति प्रसाद विवाद के बीच उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के लड्डू प्रसाद ने खाद्य सुरक्षा नियमों के 13 मापदंडों को पार कर लिया है। इससे भक्तों में खुशी की लहर है। उज्जैन संभागीय आयुक्त संजय गुप्ता ने बताया कि भगवान महाकाल के लड्डू प्रसाद को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की कुछ मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की ओर से कराए गए 13 विभिन्न प्रकार के टेस्ट से गुजरा गया।
इन सभी परीक्षणों में महाकालेश्वर मंदिर का लड्डू प्रसाद पास हो गया। उन्होंने बताया कि प्रसाद में चार मुख्य सामग्री होती है- शुद्ध घी, बेसन, रवा और चीनी… इनमें सबसे महंगी सामग्री शुद्ध घी है। प्रसाद बनाने में हर रोज 40 मीट्रिक टन घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस घी का प्रोडक्शन राज्य सरकार की सहकारी संस्था उज्जैन दुग्ध संघ करता है। प्रसाद के 13 FSSAI टेस्ट में पास होने की खबर के बाद श्रद्धालुओं में खुशी की लहर है।
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एक भक्त ने (महाकालेश्वर मंदिर) लड्डू प्रसाद की जांच भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला में करवाई। प्राधिकरण ने 13 अलग-अलग जांच की। यह बहुत खुशी की बात है कि प्रसाद सभी 13 मानदंडों (घी, बेसन, चीनी और रवा) पर खरा उतरा।
उज्जैन संभागीय आयुक्त संजय गुप्ता ने बताया कि यह घी राज्य सरकार की सहकारी संस्था उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा बनाया जाता है। गुप्ता ने यह भी अनुरोध किया कि तिरुपति देवस्थान उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा निर्मित सांची घी का इस्तेमाल करे। भगवान महाकाल के लड्डू प्रसाद के सभी मानदंडों पर खरा उतरने का पूरा श्रेय उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर की प्रबंधन समिति को जाता है। यह समिति प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखती है।