संवाददाता। विजय कुमार अग्रहरी।
ओबरा सोनभद्र। देश के सुपर रिच की संपत्ति पर टैक्स लगाकर मजदूरों के संविधान प्रदत्त सम्मानजनक जीवन की गारंटी सरकार को करनी चाहिए। हर मजदूर को ईपीएफ में कम से कम 5000 रूपए पेंशन, कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम, न्यूनतम मजदूरी का वेज रिवीजन कर 18000 रुपए मजदूरी और सर्वोपरि प्रबंधन में मजदूरों की हिस्सेदारी को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यह बातें आज ओबरा में रोजगार अधिकार अभियान के संदर्भ में आए पूर्व श्रम बंधु दिनकर कपूर ने मजदूरों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संघर्षों से हासिल श्रम कानूनों को खत्म कर लाए चार लेबर कोड के जरिए सरकार मजदूरों को आधुनिक गुलामी में धकेल रही है। उत्तर प्रदेश में हालत बहुत बुरी है यहां 01अगस्त को कारखाना अधिनियम में संशोधन करके काम के घंटे 12 कर दिए गए हैं। जो पहले से ही व्याप्त बेरोजगारी को और बढ़ाने का काम करेगा पिछले 10 सालों से न्यूनतम मजदूरी का वेज रिवीजन नहीं किया जा रहा है। परिणामस्वरूप केंद्र के सापेक्ष प्रदेश के मजदूरों की मजदूरी लगभग आधी है और इस भीषण महंगाई में उनके लिए परिवार का भरण पोषण करना बेहद कठिन हो गया है। आज हालात इतने बुरे हैं कि देश का 92 प्रतिशत मेहनतकश 10 हजार रुपए से कम मासिक आमदनी पर अपनी जीविका चलाने को मजबूर है। वहीं देश के एक प्रतिशत सुपर रिच के पास देश की सम्पत्ति का 67 प्रतिशत और आय का 60 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि देश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। यदि सरकार नीतियों को बदलने को तैयार हो और देश के करीब 200 सुपर रिच घरानों की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगाए तो करीब 15 से 20 लाख करोड रुपए बजट के अतिरिक्त इकट्ठा किया जा सकता है। जिससे देश के हर नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, ओल्ड पेंशन स्कीम, सम्मानजनक वृद्धावस्था पेंशन, भोजन का अधिकार और अन्य सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। इन्हीं सवालों पर दिल्ली में 10 नवंबर को रोजगार अधिकार अभियान का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें भागीदारी के लिए उन्होंने ओबरा से भी मजदूर और नौजवानों का आवाहन किया। बैठक की अध्यक्षता ठेका मजदूर यूनियन के जिला उपाध्यक्ष तीर्थराज यादव ने किया और संचालन जिला संयुक्त मंत्री मोहन प्रसाद ने किया। बैठक में हनुमान प्रसाद, सिकंदर चंद्रवंशी, धर्मेंद्र सिंह, अरविंद कुमार, राहुल कुमार सिंह, संतोष कुमार, नंदू यादव, अरविंद माली, अशोक जैसल, आशीष कुमार, गोपाल सिंह और भगवान दास ने बात रखी।