देवरिया में मुस्कान का महत्व बढ़ाने के लिए आरबीएसके टीम ने पिछले चार वर्षों में 107 बच्चों की जन्मजात कटे फटे होंठ की सर्जरी की है। हास्य कवि बादशाह प्रेमी ने भी अपनी कविताओं से लोगों के जीवन में…
देवरिया, निज संवाददाता। मुस्कान का जीवन में अहम अंग है। व्यक्ति चाहे जितने तनाव में हो किसी बात पर वह मुस्करा दे तो उसका तनाव कम हो जाता है। अगर खुलकर हंस दिया तो उसका अंग प्रत्यंग पुलिकत हो कर मन मस्तिष्क सामान्य स्थिति में आने लगता है। जीवन में मुस्कान के इस महत्व को समझते हुए अलग अलग तरीके से लोगों के जीवन में मुस्कान लाने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए कोई जन्मजात कटे फटे होठ की चिकित्सा कराकर बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने का प्रयास करता है। तो कोई हास्य व्यंग्य युक्त कविताओं को सुनाकर जीवन में व्याप्त तनाव को दूर करने का प्रयास करता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्य कर रही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आरबीएसके टीम ने विगत चार साल में 107 बच्चों को सर्जरी के जरिए जन्मजात कटे फटे होंठ को दुरुस्त कराकर उनके जीवन में मुस्कान घोलने का कार्य किया है। टीम के इस प्रयास से बच्चों जीवन में नया सवेरा हो चुका है। आरबीएसके टीम ने 2021-22 में 19 बच्चों की सर्जरी कराकर उनके जीवन में मुस्कान लाने का कार्य किया। अगले वर्ष 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 31 हो गई। 2023-24 में 41 बच्चों के जीवन में मुस्कान घोलने का कार्य आरबीएसके टीम ने किया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 16 बच्चों के होठों की सर्जरी कर उन्हें दुरुस्त किया गया है। इस कार्य में आरबीएसके टीम जिले भर में कटे फटे होंठ वाले बच्चों का सर्वे कर चयन करती है। इसके बाद स्माइल संस्था की गाड़ी से उन्हें गोरखपुर में सरकार द्वारा नामित एक निजी अस्पताल में परीक्षण के लिए भेजा जाता है। वहां उपयुक्त समय आने पर उनके होठ की सर्जरी कर मुस्कान वापस लाई जाती है। इस प्रक्रिया में कई महीने लग जाते हैं।
अपनी कविता से बादशाह घोलते हैं जीवन में मुस्कान
जीवन में मुस्कान घोलने में शब्दों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हास्य कवि इन्हीं शब्दों की शक्ति के प्रयोग से लोगों के मन झिंझोड़कर ठहाके लगवाते हैं। इससे व्यक्ति तनाव से उबरकर मानसिक शांति का अनुभव करता है। जिले के तरकुलवा थाना क्षेत्र के सकतुआ बुजुर्ग निवासी विष्णुदत्त तिवारी ऊर्फ बादशाह प्रेमी ऐसे ही कवि हैं। बादशाह विगत तीस वर्षों से मंच पर कविता पाठ कर लोगों के जीवन में मुस्कान बिखेर रहे हैं। ठेठ भोजपुरी शब्दों के मेल से बनी कविताएं बादशाह की ताकत हैं। बाभन के जात हईं बेकार…, नाम व बादशाह बंसवारी में घर, कविता में बंसवारी, घूरा, पिल्ला समेत अनेक ठेठ भोजपुरी शब्दों के बल पर वह कविता के माध्यम से सीधे लोगों के हृदय में उतरकर मुस्कराने, ठहाके लगाने पर मजबूर कर देते हैं। ऐसी ही एक कविता कुकुरभोज के माध्यम से वह मांगलिक कार्यक्रमों में बेतहाशा जुटाई जाती भीड़ व इसमें भोजन के आधुनिक बुफे सिस्टम से उत्पन्न असुविधाओं पर मीठा प्रहार करते हुए लोगों को गुदगुदाते हैं। बादशाह भोजपुरी को अश्लीलता से निकालकर विदेशों में स्थापित करने में लगे हैं। वह सिंगापुर, मारीशस समेत अनेक देशों में मुस्कान बिखरने जा चुके हैं।
अच्छी सेहत के लिए प्रतिदिन जोर के ठहाके को जरूरी मानते हैं डॉक्टर
लाफिंग स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। हंसने से सेरोटोनीन व डोपामीन बढ़ता होता है। इसलिए लॉफिंग बहुत अधिक जरुरी है। मुस्कान से मन स्वस्थ रहता है। मनोचिकित्सक डॉ. रवि जायसवाल बताते हैं कि मुस्कुराने से तनाव कम होता है। ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। हृदय का संचालन सामान्य होता है। मुस्कराने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि व्यक्ति के आसपास माहौल अच्छा रहता है। लोग उससे जुड़ने का प्रयास करते हैं। पारिवारिक व सामाजिक माहौल बेहतर होता है। इसका सीधा असर शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पडता है। इससे लाइफ लांग होती है। स्माइल से कम्युनिकेशन बेहतर होता है। मानसिक तनाव से उबरने का मुस्कुराहट सबसे सुलभ व प्रभावी माध्यम है।