बरहज (देवरिया) में लगातार बारिश से सरयू और राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। सरयू नदी खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर बह रही है, जिससे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों…
बरहज(देवरिया), हिन्दुस्तान टीम। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश मैदानी इलाकों में मुश्किल खड़े कर रही है। तेज बारिश के चलते नदियां फिर उफना गई है। जिले में सरयू और राप्ती एक बार फिर तबाही मचाने को आतुर दिख रही है। सरयू खतरे के निशान से 80 सेमी ऊपर बह रही है। नदी के पानी से बरहज में घाट की सिढ़ियां डूब गई हैं। नदियों का रुख देख तटवर्ती गावों के लोग सहम गए है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। बरहज में थाना घाट पर बने मापक पर सोमवार को सरयू का जलस्तर 67.30 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे के निशान से 80 सेमी अधिक है। 24 घण्टे में जलस्तर में 35 सेमी की वृद्धि दर्ज की गई है। रविवार को 66.95 मीटर पर प्रवाहित हो रही थी। जलस्तर में वृद्धि होने से सरयू का पानी घाट की सीढ़ियों के ऊपर बहने लगा है। बाढ़ से दियारा क्षेत्र के गांवों में मुश्किल बढ़ने लगी है। आबादी के आस-पास पानी भरने लगा है। कच्ची सड़कें जलमग्न हो गई है। पशु पालकों को चारा लाने के लिए पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है। लेकिन नदियों के बढ़ने की स्पीड से तटवर्ती गांवों के लोग सहम गए हैं। पानी परसिया देवार तटबन्ध के निकट पानी पहुंच गया है। बढ़ रहा है। उधर कपरवार संगम तट पर नदी दौला तटबन्ध पर भी दबाव बना रही है। पानी के प्रवाह से एक एक कर जियो बैग पानी मे समा रहे है। राप्ती का पानी भदिला प्रथम और कपरवार पर दबाव बना रही है। बिनोवपुरी के कटान का खतरा उतपन्न हो गया है। नदियों का रुख देख प्रशासन भी मुस्तैद हो गया है और बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है।
जोखिम भरा हो सकता है नाव का सफर
सरयू में उफान के बाद भी लोक निर्माण विभाग द्वारा नाव का संचालन किया जा रहा है। सोमवार को ओवरलोड नावे चल रहीं थी। नाविक के ना नुकुर के बाद भी नदी पर उसकी क्षमता से अधिक लोग सवार हो गए। सैलाब के बीच नाव का सफर कभी भी बड़ी घटना का कारण बन सकता है। तहसील प्रशासन भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
नदी जलस्तर खतरे का निशान
1-सरयू (बरहज घाट) 67.30 मीटर 66.50 मीटर
2-राप्ती (भेड़ी घाट) 69.60 मीटर 70.50 मीटर
3-गोर्रा (पिड़रा घाट) 69.80 मीटर 70.50 मीटर
4-छोटी गंडक (नदावर घाट) 63.20 मीटर 63.80 मीटर
नदी के जलस्तर और उससे उत्पन्न खतरे को भांपते हुए नाव का संचालन रोक दिया गया है। मंगलवार से नाव नही चलेगी। नदी के जलस्तर पर पूरी नजर रखी जा रही है।
-अखिलेश कुमार जेई लोनिवि।