मशहूर गायिका लता मंगेशकर का अनूठा ‘पोर्ट्रेट’ सामने आया है। इसमें लता के 90 हिट गानों के मुखड़े बड़े करीने से लिखे गए हैं। ‘‘बिंदिया चमकेगी, चूड़ी खनकेगी’’ गीत के मुखड़े को चेहरे की बिंदी की जगह पर ही लिखा गया है, तो उनके होंठों की जगह ‘‘धीरे-धीरे बोल, कोई सुन ना ले’’ गाने का मुखड़ा उकेरा गया है।
मशहूर गायिका लता मंगेशकर की जन्मस्थली इंदौर के कलाकार मिलिंद ढवले ने उनका अनूठा ‘पोर्ट्रेट’ बनाया है। इस ब्लैक एंड व्हाइट पोर्ट्रेट की रेखाओं के रूप में मंगेशकर के 90 हिट गानों के मुखड़े बड़े करीने से लिखे गए हैं।
31 इंच लंबे और 23 इंच चौड़े इस पोर्ट्रेट की अनूठी बात यह भी है कि इसमें गानों के मुखड़ों को खास स्थान पर लिखा गया है। मसलन ‘‘बिंदिया चमकेगी, चूड़ी खनकेगी’’ गीत के मुखड़े को मंगेशकर के चेहरे की बिंदी की जगह पर ही लिखा गया है, तो उनके होंठों की जगह ‘‘धीरे-धीरे बोल, कोई सुन ना ले’’ गाने का मुखड़ा उकेरा गया है।
55 साल के ढवले ने इस पोर्ट्रेट में “ऐ मेरे वतन के लोगों” गीत को मंगेशकर के कपाल पर लिखा है। उनका मानना है कि मातृभूमि के लिए शहीद सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को याद दिलाकर देशभक्ति की भावना जगाने वाला यह नगमा भारतीय नागरिकों के जेहन पर आज भी छाया हुआ है। पोर्ट्रेट में मंगेशकर के 90 हिट गीतों के मुखड़े इतनी सफाई से लिखे गए हैं कि इनकी इबारत पास से देखने पर ही समझ आती है। दूर से देखने पर ये मुखड़े पोर्ट्रेट की रेखाओं के रूप में ही नजर आते हैं।
धवले ने शनिवार को “पीटीआई-भाषा” को बताया कि यह पोर्ट्रेट उन्होंने मंगेशकर के 90वें जन्मदिन पर बनाया था। वह कोशिश करते रहे कि किसी तरह उन्हें यह कलाकृति भेंट करें, लेकिन उनकी ख्वाहिश पूरी न हो सकी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हमेशा मलाल रहेगा कि मैं मंगेशकर से मिलकर उन्हें यह पोर्ट्रेट भेंट नहीं कर सका।’’
भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में 28 सितंबर 1929 को हुआ था। उन्होंने मुंबई में छह फरवरी 2022 को 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली थी।