देवरिया, निज संवाददाता। डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन प्रयागराज में आयोजित अधिवक्ता मौलिक अधिकार संरक्षण अधिवेशन
देवरिया, निज संवाददाता। डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन प्रयागराज में आयोजित अधिवक्ता मौलिक अधिकार संरक्षण अधिवेशन में पारित प्रस्ताव के आह्वान पर बुधवार को जिले के अधिवक्ताओं ने काली पट्टी बांधकर न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित अधिकारियों को ज्ञापन दिया।
डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सिंहासन गिरि के नेतृत्व में अधिवक्ताओं की बैठक हुई। इसमें डिस्ट्रिक बार एसोसिएशन प्रयागराज के तत्वाधान में प्रदेश के समस्त बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के सम्मेलन में लिये गये निर्णय के तहत अधिवक्ता संविधान में दिये गये मूल अधिकार की संरक्षा के लिए अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। अधिवक्ताओं ने काली पट्टी बांधकर न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया।
इसमें वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में अधिवक्ताओं का उत्पीड़न बढ़ा है और सरकार इसे रोकने का प्रयास नहीं कर रही है। इसमें मंत्री अजय कुमार उपाध्याय, गिरिजेश दूबे, मनोज मिश्र, सुभाष चन्द्र राव, प्रकाश तिवारी निराला, अरूण राव आदि अधिवक्ता शामिल रहे। भाटपाररानी संवाद अनुसार अधिवक्ता संघ ने प्रयागराज के अधिवक्ता मौलिक अधिकार संरक्षण अधिवेशन में पारित प्रस्ताव के आह्वान पर बुधवार को काली पट्टी बांधकर न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी रत्नेश तिवारी को सौंपा। इसमें अधिवक्ताओं ने विधि आयोग में विचाराधीन अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट अविलंब लागू करने, प्रदेश के अधिवक्ताओं को न्यायालय परिसर में बैठने, तथा उनके वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था करने तथा प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं को सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना अंतर्गत बीमा कराए जाने की मांग किया है।
इसमें अध्यक्ष सुशील कुमार ओझा ,चंद्रभान प्रसाद, नागेश दुबे, राणा प्रताप सिंह, लाल साहब यादव, सतीश यादव, मनोज यादव, रामाधार यादव, अभिषेक श्रीवास्तव, विजय प्रताप तिवारी, राजू सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
तहसील बार के अधिवक्ताओं नहीं किया न्यायिक कार्य
सदर तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष युगुल किशोर तिवारी के नेतृत्व में जिला अधिवक्ता संघ प्रयागराज के सम्मेलन में पारित प्रस्ताव के तहत छह सूत्रीय मांगों को लेकर अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। उन्होंने अधिवक्ताओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा और उनकी समस्याओं का निराकरण करने को समिति का गठन करने की मांग की गयी।
अधिवक्ताओं ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा 7 अगस्त को पारित आदेश संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों तथा बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के क्षेत्राधिकार का हनन है। इससे अभिव्क्ति की स्वतंत्रतता को प्रतिबंधित किया गया है। अधिवक्ताओं ने प्रस्ताव का समर्थन में बुधवार को काला दिवस मनाया। इसमें राधेश्याम पटेल, अजय श्रीवास्तव, कमल मणि, विजय सेन यादव, सामंत मिश्र, विवेकानंद, राम शरण यादव, शिव कुमार गोंड, राघव पाण्डेय, कामेश्वर सिंह, अंबरीश मणि, विनोद सिंह, अखिलेश श्रीवास्तव आदि अधिवक्ता शामिल रहे।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग
दीवानी कचहरी में अधिवक्ता दिवाकर शुक्ल के चैंबर में अधिवक्ताओं की बैठक हुई। इसमें प्रदेश सरकार से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, सामूहिक बीमा योजना,अधिवक्ताओं के लिए पेंशन योजना लागू करने, युवा अधिवक्ताओं को स्टाईपेड देने की मांग की गयी। इसमें दिवाकर शुक्ल ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा अधिवक्ताओं के हड़ताल व शोक संदेश पर दिये गये आदेश पर पुर्नविचार करने की मांग की। बैठक में रामाश्रय दीक्षित, मृत्युंजय नाथ त्रिपाठी, कन्हैया तिवारी, नरेन्द्र यादव, अशोक पटेल, राजेन्द्र जायसवाल, रत्नेश पाण्डेय आदि शामिल रहे।