लखनऊ पीजीआई में गार्डों की दादागिरी की खबर सामने आई है। यहां सस्ती दवा के काउंटर पर लगे तीमारदार को पांच-छह गार्डों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। एक महीने बीच बचाव करने का प्रयास किया तो आपा खो चुके गार्डों ने उसका भी हाथ पकड़कर धकेल दिया।
लखनऊ एसजीपीजीआई में गार्डों ने दूसरे दिन भी तीमारदारों को बेहरमी से पीटा। सस्ती दवा के काउंटर पर लगे तीमारदार को पांच-छह गार्डों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। एक महीने बीच बचाव करने का प्रयास किया तो आपा खो चुके गार्डों ने उसका भी हाथ पकड़कर धकेल दिया। चीख पुकार और धक्कामुक्की के बीच एक महिला का मंगलसूत्र गायब हो गया। पीजीआई कोतवाली इंस्पेक्टर का कहना है कि पीजीआई परिसर में मारपीट की घटना हुई है। एक तीमारदार ने तहरीर दी है। मुकदमा दर्ज कर जांच की जाएगी।
वृद्धा के इलाज के लिए पहुंचे थे परिवारीजन
पीजीआई के निदेशक डॉ. राधा कृष्ण धीमन ने रविवार तीमारदारों को बाहर भगाने की घटना पर कोई गार्डों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें सोमवार सुबह शिष्टाचार और शालीनता का पाठ पढ़ाया। निदेशक की पाठशाला से सबक लेने के बजाय सुरक्षा गार्ड परिसर में तीमारदारों से दुर्व्यवहार बढ़ा दिया। गोसाईंगंज के सठवारा निवासी अनिकेत ने बताया कि वह नानी गायत्री देवी (70) को कॉर्डियोलॉजी विभाग में दिखाने पहुंचे थे। दिखाने के बाद शाम को एचआरएफ में लाइन लगकर दवा ले रहे थे। इस बीच अपने मामा को दवा की कतार में खड़ा कर दिया और वह वॉशरूम चले गए। कुछ ही देर में पहुंचे गार्डों ने मामा से दवा की पर्ची मांगी तो वह दिखा नहीं पाए। उन्होंने गार्डों को बताया कि भांजे के पास पर्ची है। वह वॉशरूम से आ रहा है।
तीमारदार गिड़गिड़ाते रहे, उग्र गार्डों ने पीटना शुरू कर दिया
अनिकेत का आरोप है कि इतने में गार्ड मनीष उग्र हो गया। मामा से अभद्रता करने लगा। इसी बीच वह मां कंचन, नानी के साथ आ गया। ऐतराज जताया तो गार्ड ने अपने दूसरे आधा दर्जन साथियों के साथ मिलकर अनिकेत समेत सभी को पीटना शुरू कर दिया। तीमारदार गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन गार्डों ने किसी की नहीं सुनी। गार्डों के व्यवहार पर अन्य तीमारदारों ने विरोध जताया तो गार्डों ने उन्हें भी नहीं बख्शा। अन्य तीमारदारों को भी धमकाने लगे। इससे वहां भगदड़ मच गई। अनिकेत का आरोप है कि मारपीट के दौरान उसकी मां कंचन का मंगलसूत्र भी गायब हो गया।
24 घंटे पहले तीमारदारों ने किया था सड़क जाम
पीजीआई में रविवार शाम को गार्डों ने शेड के नीचे लेटे, बैठे तीमारदारों को मरीज सहित परिसर से भगा दिया था। तीमारदारों ने विरोध जताया तो उन गार्डों ने अभद्रता भी की। आखिरकार तीमारदार दरी, बिछौना लेकर रायबरेली रोड पर बैठ गए। इससे जाम लग गया तो पुलिस ने समझाकर किसी तरह हटाया। पुलिस ने हस्तक्षेप कर पीजीआई कैंपस में ही तीमारदारों के रुकने की व्यवस्था कराई।
रजिस्ट्रार पीजीआई कर्नल वरुण बाजपेई ने बताया कि दवा लेने के लिए लाइन में खड़े व्यक्ति के पास पर्ची नहीं थी। गार्ड के पूछने पर पर्ची नहीं दिखा पाया। गार्ड द्वारा मारपीट की जानकारी नहीं है। बाहर मेडिकल स्टोरों के दलाल संस्थान के भीतर घूमते रहते हैं। इन पर सख्ती के लिए गार्डों को निर्देश दिए गए हैं।
इंस्पेक्टर पीजीआई बृजेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पीड़ित अनिकेत और उनके परिवारीजनों का आरोप है कि उन्हें पीजीआई के गार्डों ने बेरहमी से पीटा है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जांच कर उचित कार्रवाई होगी।