कुढ़नी थाना की महिला दारोगा पर एफआईआर के लिए पांच हजार रुपये घूस मांगने का आरोप है। उसके खिलाफ पीड़ित पक्ष ने एसएसपी और डीआईजी तक को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।
नेशनल हाइवे पर वसूली में बिहार पुलिस के दामन पर अधिक दाग लग रहे हैं। भूसा गाड़ी, बालू लदे ट्रक और जांच के नाम पर अवैध वसूली के वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं। इनकी जांच का जिम्मा डीएसपी स्तर के अधिकारियों को सौंप गया है। हाल में आठ दारोगा व जमादार जांच के दायरे में आए हैं। वरीय पदाधिकारी उनके करतूतों की जांच कर रहे हैं।न
कुढ़नी थाना की महिला दारोगा पर एफआईआर के लिए पांच हजार रुपये घूस मांगने का आरोप है। उसके खिलाफ पीड़ित पक्ष ने एसएसपी और डीआईजी तक को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। डीएसपी कुढ़नी अनिमेष चंद्र ज्ञानी मामले की जांच कर रहे हैं। इससे एक दिन पहले चांदनी चौक ओवरब्रिज के पास एक ऑटो पिकअप को घेरकर पुलिसकर्मी के द्वारा 100 रुपये लेने पर युवकों ने वीडियो बनाकर उसे वायरल किया था। इससे पहले सदातपुर मोड़ पर ट्रकों से वसूली करते कई वीडियो वायरल हो चुके हैं।
अहियापुर थाने की पुलिस का संगम घाट के पास वसूली का एक वीडियो वायरल हुआ था। बोचहां थाना के एएसआई पर जमानत पर छूटे आरोपित को उसके दरवाजे पर से उठाकर 45 हजार रुपये छीन लेने का आरोप लगा था। सदर थाना के रामदयालुनगर रेलवे ओवरब्रिज के मुहाने पर ट्रक चालक से अवैध वसूली का वीडियो वायरल होने के बाद गश्ती दल के होमगार्ड जवान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा गया था। इन मामलों में जांच के दौरान गश्ती दल के अधिकारी व अन्य कर्मियों से पूछताछ कर आरोप से मुक्त कर दिया गया।
इस मामले में ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया कि कुढ़नी मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। एएसपी पूर्वी शहरेयार अख्तर ने बोचहां पुलिस पर लगे आरोपों की जांच चलने की बात बताई है। कहा जा रहा है कि छानबीन में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
25 किमी की दूरी में पांच जगह होती है वसूली संघ
जिला भूसा व्यवसायी संघ के सचिव संजीव कुमार ने बताया कि हाइवे पर वसूली का सबसे अधिक शिकार भूसा व्यवसायी होते हैं। कांटी से मनियारी पहुंचने तक पांच जगहों पर पुलिस वालों को सौ-सौ रुपये देने पड़ते हैं। 25 किमी की दूरी तय करने में भूसा लदी गाड़ी में जितना इंधन जलता है उससे दोगुना पुलिस वाले वसूले लेते हैं। वीडियो बनाकर पुलिस अधिकारियों को भेजा गया, पर कार्रवाई नहीं हुई।