रामपुर कारखाना में ग्रामीणों ने डीपीओ को बताया कि ग्राम प्रधान और सचिव ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के लिए जारी धन का गलत उपयोग किया। जांच के दौरान ग्रामीणों ने शौचालयों का निर्माण न होने की…
रामपुर कारखाना(देवरिया), हिन्दुस्तान टीम। ग्रामीणों के बयान से ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिव बैक फुट पर आ गए। बिना शौचालय बनवाए सरकारी धन के बंदर बांट की जांच को डीपीओ पहुंचे थे। चार दर्जन ग्रामीणों ने डीपीओ से बिना शौचालय बने धन के निकाल लिए जाने की जानकारी दी। जांच के दौरान हालांकि तत्कालीन या वर्तमान सचिव गांव नहीं पहुंचे। विकासखंड रामपुर कारखाना के ग्राम पंचायत कुसहरी निवासी मोहित राव ने आरोप लगाया था कि ग्राम प्रधान तथा सचिव द्वारा स्वच्छ भारत मिशन फेज 1 के तहत 465 व्यक्तिगत शौचायलयों के निर्माण हेतु निर्गत धनराशि के सापेक्ष 65 शौचायलयों का निर्माण गांव में नहीं कराया। जबकि उसका पैसा आहरित कर लिया गया। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी के रूप में जिला कार्यक्रम अधिकारी के के राय को नामित किया था। शनिवार को जांच अधिकारी केके राय गांव पहुंचकर जांच करने वाले थे। इस बात की जानकारी होने पर शिकायतकर्ता समेत दर्जनों ग्रामीण पंचायत भवन पहुंच गए। दिनभर प्रतीक्षा करने के बाद जांच अधिकारी के नहीं आने से ग्रामीण बैरंग वापस हो गए। रविवार को डीएम द्वारा नियुक्त किए गए जांच अधिकारी कुशहरी पहुंचे। गांव के शहादत अंसारी, अनवर अंसारी, उदयभान राव, शहंशाह आलम, संजीव कुमार पांडेय, राम ध्यान प्रजापति, रंजीत प्रसाद, अजीत कुमार उपाध्याय, अशोक बनिया, रामप्यारी हरिजन, सीताराम हरिजन, जयराम चतुर्वेदी आदि ने जांच अधिकारी को शौचालय नहीं बनने की जानकारी दी। जांच के दौरान कई बार ग्राम प्रधान से ग्रामीणों की नोंक झोंक भी हो गई। 3 घंटे तक गांव में जांच करने के बाद टीम वापस लौट गई। अभी जांच पूरी नहीं हो सकी है। जांच अधिकारी केके राय ने बताया कि अभी जांच अधूरी है। पूरी करके रिपोर्ट जिलाधिकारी महोदय को भेजी जाएगी।