तिरूपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर देशभर में खलबली मची हुई है। इसको देखते हुए मंदिरों के बाहर प्रसाद के नाम पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों को लेकर फूड विभाग अलर्ट हो गया है। मथुरा में विभिन्न मंदिरों के बाहर संचालित मिठाई की दुकानों से खाद्य सुरक्षा विभाग ने सैंपल लिए।
तिरूपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर देशभर में खलबली मची हुई है। इसको देखते हुए मंदिरों के बाहर प्रसाद के नाम पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों को लेकर फूड विभाग अलर्ट हो गया है। मथुरा में पिछले एक साल में विभिन्न मंदिरों के बाहर संचालित मिठाई की दुकानों से खाद्य सुरक्षा विभाग ने 60 से अधिक विभिन्न खाद्य पदार्थों के नमूने लिए थे। इनमें से करीब 30 प्रतिशत नमूने जांच में अधोमानक निकले। न्यायालय में इन कारोबारियों के खिलाफ वाद दायर कराया जा चुका है। फूड विभाग की टीम ने वृंदावन बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर, इस्कान मंदिर, रंग जी मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, बलदेव, शनिदेव कोसी, गोवर्धन आदि मंदिर के पास प्रसाद/ मिठाई की दुकानों से खाद्य पदार्थो के नमूने लिए थे।
इन दुकानों से पेड़ा, बरफी, सोनपपड़ी, दूध, दही, घेबर, लड्डू आदि के नमूने लेकर जांच को भेजे। इसमें से करीब 30 प्रतिशत नमूनों की रिपोर्ट अधोमानक आई। यानि जांच में नमूने फेल आए , लेकिन गंभीर प्रकरण कोई नहीं था। मंदिरों से मिलने वाले प्रसाद का नमूना नहीं लिया गया। गौरतलब है कि प्रसिद्ध तिरूपति बाला जी मंदिर में आने वाले भक्तों को प्रसादम लड्डू में मांस एवं आपत्तिजनक तेल का इस्तेमाल होने को लेकर लोगों में आक्रोश है। वहीं इस जानकारी के बा फूड विभाग भी अलर्ट हो गया है। फूड विभाग जल्दी ही इसे लेकर अभियान चलायेगा। जल्द मंदिर के बाहर दुकानों पर प्रसाद के नाम पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों के नमूने लिए जाएंगे।
खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता नहीं ठीक
बताया गया कि मंदिर के पास की ज्यादातर दुकानों पर बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। विशेष अवसरों पर इसकी गुणवत्ता और खराब रहती है। प्रसाद के नाम पर लोग पेड़ा, बरफी आदि खरीदते हैं और अपने यहां ले जाकरबांटतेहैं।
स्थाई लोक अदालत मथुरा के सदस्य, प्रतिभा शर्मा ने कहा कि एक सामान्य व्यक्ति भी अपने घर में 60 से 70 रुपये किलो में 1 किलो दूध खरीद कर बाजार से लाता है। जब बाजार में दूध की कीमत 60 से 70 रुपये किलो है, ऐसे में 150 से 200 रुपये किलो में मिठाई तैयार होकर बाजार में बिक रही है। यह अपने आप में जांच का विषय है। जब मिठाई की शुद्धता की जांच का कोई पैमाना नहीं है, तो ठाकुरजी के लगने वाले प्रसाद की शुद्धता को कैसे स्वीकार किया जाए।
सर्व ब्राह्मण महासभा, राष्ट्रीय सलाहकार, सत्यभान शर्मा ने कहा कि तिरुपति बालाजी देवस्थान के प्रसादम लड्डू में वर्जित खाद्य पदार्थ का मिलना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मिलावटखोर ठाकुरजी के प्रसाद में भी मिलावट करने से नहीं चूक रहे हैं और इसका जीता जागता उदाहरण वृंदावन के मंदिर देवालयों के बाजारों में 150 से 200 रुपये में खुलेआम बिक रही मिठाई से लगाया जा सकता है।
ब्राह्मण महासभा, अध्यक्ष, महेशचंद्र भारद्वाज ने कहा कि यदि जिला प्रशासन द्वारा धर्मनगरी के मंदिर देवालय क्षेत्रों में बेची जा रही मिठाई की जांच पड़ताल कराई जाए तो निश्चित रूप से 100 में से 99 दुकानों पर मिलावटी मिठाई का भंडार मिलेगा। यह भी कड़वा सत्य है कि तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह यहां पर भी वर्जित खाद्य पदार्थों का प्रयोग मिठाई बनाने में निश्चित हो रहा होगा।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, सहायक आयुक्त खाद्य, धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि विभिन्न मंदिरों के बाहर संचालित दुकानों से समय-समय पर खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए। जांच में कई नमूनों की रिपोर्ट अधोमानक आई है। कारोबारियों के खिलाफ न्यायालय में वाद भी दायर कराए जा चुके हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर खाद्य पदार्थों के नमूने ले रहे हैं। मंदिर क्षेत्रों पर भी विशेष नजर है।
एडवोकेट, अमित गौतम ने कहा कि धर्मनगरी में पिछले कुछ सालों में मिलावटी मिठाई का कारोबार बहुत तेजी के साथ फला-फूला है। बांके बिहारी मंदिर के आसपास की अधिकांश दुकानों पर मिलावटी मिठाई बेची जा रही है। कई बार इसकी शुद्धता जांचने को लेकर प्रशासन से गुहार भी लगाई गई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है।