सुरौली(देवरिया)। सुरौली थाना क्षेत्र के फुलवरिया कुटी निवासी राजेन्द्र राजभर की माली हालत ठीक
सुरौली(देवरिया)। सुरौली थाना क्षेत्र के फुलवरिया कुटी निवासी राजेन्द्र राजभर की माली हालत ठीक नहीं है। भाई ने बंटवारे में उससे घर ले लिया। वह अपने तीन बच्चों व पत्नी रेखा के साथ पकड़ी बरांव रोड पर हरैंया में एक स्कूल के सामने बने दुकान किराए पर लेकर रहता है। उसके तीन लड़कों में बड़ा बेट राज (11) अपने ननिहाल में रहता है।
दूसरा अजीत पांच साल का है और छोटा सत्यम डेढ़ साल का है। पिता राजेन्द्र का आरोप है कि दो दिन पहले बहोरवा के रहने वाले रोशन विश्वकर्मा ने बेटे अजीत को पचास हजार में खरीदने की पेशकश की। उसका कहना था कि तुम गरीबी में बच्चा पाल नहीं सकते और पचास हजार ले लो हम बच्चे को एक अच्छे परिवार में भेज देंगे।
बच्चे के अपहरण की सूचना मिलते ही सुरौली पुलिस व पूरा पुलिस महकमा सक्रिय हो गया। एसओजी, एडिशनल एसपी दक्षिणी सुनील कुमार सिंह व सीओ बरहज घटना की मानिटरिंग करने लगे। सर्विलांस के जरिये अपहर्ता को ट्रेस किया जाने लगा। शाम पांच बजे के लगभग देवरिया बस स्टेशन से अपहर्ता रोशन के साथ बच्चे को पुलिस ने बरामद कर लिया।
अपहृत बच्चे को पुलिस ने उसके पिता राजेन्द्र व मां रेखा को सौंप दिया। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो बच्चे को खरीदने-बेचने की बात आने के चलते पुलिस इसे मानव तस्करी से भी जोड़ कर देख रही है। पुलिस सभी बिन्दुओं को खंगालने में जुटी है।
बच्चे को लेकर प्रेमिका की बहन के पास सिवान पहुंच गया अपहर्ता
गुरुवार की रात 1 बजे के करीब मौका देख रोशन ने गुड्डू पासवान की मदद से कमरे के बाहर टिन शेड में सो रहे अजीत को उठा लिया। पहले वह बच्चे को लेकर सलेमपुर ले गया। वहां से टेम्पो से उसे बिहार के सिवान में अपनी प्रेमिका की बहन के घर लेकर पहुंचा। इसी बीच पुलिस का दबाव बढ़ा तो वह वापस देवरिया आ गया, जहां से पुलिस ने उसे दबोच लिया।
प्रेमिका से भी पचास हजार में मांगा था बच्चा
रोशन अपने गांव की एक विवाहित महिला से प्रेम करता है। उसने कुछ दिन पहले अपनी प्रेमिका से भी पचास हजार में उसके बच्चे को खरीदने की पेशकश की थी। लेकिन उसने भी अपना बच्चा देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उसने राजेंद्र के बच्चे पर अपनी निगाह गड़ा ली।