छत्तीसगढ़ में हिरासत में एक व्यक्ति की मौत होने के बाद राजनीतिक भूचाल मच गया है। कांग्रेस ने राज्य के गृहमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है। इस मामले को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में हिरासत में एक व्यक्ति की मौत होने के बाद राजनीतिक भूचाल मच गया है। कांग्रेस ने राज्य के गृहमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है। इस मामले को लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। इस बीच मृतक के परिवार ने पुलिस पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है।
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में हत्या के एक मामले में न्यायिक हिरासत में भेजे गए एक व्यक्ति की जेल में मौत हो जाने के बाद न्यायिक जांच के आदेश दिए गए। इस मामले में एक आईपीएस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से व्यक्ति की मौत हुई है। इस घटना से राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया है। कांग्रेस ने गुरुवार को जिले में बंद का आह्वान किया और राज्य के गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग की।
दरअसल, भीड़ ने लोहारीडीह गांव के उपसरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगा दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 69 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक प्रशांत साहू भी थे। बुधवार को उसे गंभीर चोटों के साथ अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि जेल में उनकी मौत होने के मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उनके हाथ में चोट लगने के कारण एक दिन पहले उनकी जांच कराई गई थी। उनका एक्स-रे सामान्य था। पोस्टमॉर्टम किया गया है और विसरा को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट का इंतजार है।
उन्होंने कहा कि 2020 बैच के आईपीएस अधिकारी अतिरिक्त एसपी विकास कुमार को घटना के सिलसिले में निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि कुमार ने उस टीम का नेतृत्व किया था, जिसने प्रशांत को गिरफ्तार किया था। सरकार ने प्रशांत के परिवार के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
गुरुवार को प्रशांत के अंतिम संस्कार के दौरान कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परिवार से मुलाकात की। पत्रकारों की मौजूदगी में प्रशांत की मां ने बघेल से कहा, ”पुलिस ने थाने में हमें बेरहमी से पीटा। उन्होंने मुझे मेरे सिर, पैर और पीठ पर मारा। पुलिसकर्मी और महिला पुलिसकर्मी दोनों ने हमें पीटा। हम पानी मांग रहे थे, लेकिन उन्होंने हमें पानी नहीं दिया। उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।” इसके बाद बघेल ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड किया, जिसमें प्रशांत के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे थे।
अधिकारियों के अनुसार, प्रशांत और अन्य की गिरफ्तारी का मुद्दा मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के बिजाटोला गांव में कचरू साहू के फांसी पर लटके पाए जाने के बाद शुरू हुआ। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कचरू के ऊपर कर्ज था। इस बीच अफवाह फैल गई कि लोहारीडीह गांव के उपसरपंच रघुनाथ साहू ने कचरू की हत्या कर दी और उसे फांसी पर लटका दिया। इसके बाद एक भीड़ जुटाई गई, जिसने रविवार को रघुनाथ के घर में आग लगा दी।
पुलिस ने कहा कि कबीरधाम के एसपी अभिषेक पल्लव के नेतृत्व में एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची और उसके परिवार के चार सदस्यों को बचाया। रघुनाथ घर की ऊपरी मंजिल पर जाकर छिप गया और आग में जलकर उसकी मौत हो गई। रघुनाथ की मौत के बाद पुलिस ने 150 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया और उनमें से 69 को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें प्रशांत साहू भी शामिल थे।
गुरुवार को प्रशांत के परिवार से मुलाकात के बाद पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री को तुरंत गृहमंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने कचरू साहू का दोबारा पोस्टमार्टम कराने के लिए डॉक्टरों की टीम गठित करने की मांग की। साथ ही घटना की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराने और राज्य महिला आयोग से महिलाओं पर हुए अत्याचार की जांच कराने की मांग की।