मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह के बीच लंबे समय से चल रहा जमीन का विवाद तय होने में समय लगेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस विवाद से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि ये कोई ऐसा मामला नहीं है कि 15 दिन या एक महीने में फैसला दिया जा सके। असल में हाईकोर्ट द्वारा हिन्दू पक्ष के 18 मुकदमों को सुनवाई योग्य बताने के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की अपील पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद समिति से यह बताने को कहा है कि क्या इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ उसकी ही खंडपीठ के समक्ष अपील दाखिल की जा सकती है। हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद से जुड़े 18 मामले सुनवाई योग्य मान मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज कर दी थी।
हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को फैसला देते हुए देवता (भगवान श्रीकृष्ण विराजमान) और हिंदू उपासकों द्वारा दाखिल 18 मुकदमों की स्वीकार्यता को चुनौती देने वाली सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ सुनवाई शुरू होने पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर हिंदू पक्षकारों को नोटिस जारी करने की इच्छुक थी। लेकिन बाद में पीठ ने मामले को 4 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। पीठ ने कहा कि इस मामले में कई कानूनी पेच हैं, जिन पर विस्तार से विचार करने की जरूरत है। कोर्ट ने इसी दौरान टिप्पणी में कहा कि यह कोई ऐसा मामला नहीं है कि 15 दिन या एक माह में फैसला दिया जा सके।
सभी लंबित मामलों पर एक साथ सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस केस से जुड़े सभी लंबित मामलों पर एक साथ सुनवाई की जाएगी। इससे पहले, हिंदू पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता माधवी दीवान और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले आदेश के अमल पर रोक लगा दी थी और शाही ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। उन्होंने पीठ से उस आदेश को वापस लेने की मांग की।
हिंदू पक्ष की आपत्ति
हिंदू पक्ष के वकीलों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की अपील पर आपत्ति जताई। हिंदू पक्षकारों ने कहा कि हाईकोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ सीधे सुप्रीम कोर्ट आने के बदले हाईकोर्ट में ही खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी जा सकती है।
यह था मामला
इलाहाबाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मुस्लिम पक्ष की उस मांग को खारिज कर दिया कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर से जुड़े विवाद को लेकर हिंदू पक्ष के मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम का उल्लंघन करते हैं, इसलिए ये केस सुनवाई के लायक नहीं हैं।