मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर में सोमवार को उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब आरोप लगा कि मिलाद-उन-नबी के जुलूस के दौरान पत्थर से किए गए हमले के कारण मंदिर में बैठा शख्स और पुजारी घायल हो गए। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…
मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर में सोमवार को ईद मिलादुन्नबी जुलूस के दौरान हंगामा हो गया। आरोप है कि जुलूस से किसी असामाजिक तत्व ने पत्थर फेंका जिसके कारण मंदिर में खड़ा एक शख्स और पुजारी घायल हो गए। जैसे ही यह सूचना फैली बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। लोग मंदिर के सामने बैठकर नारेबाजी करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। इसके बाद तनाव की स्थिति बन गई। हंगामे की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल के साथ एसपी और एएसपी मौके पर पहुंचे और हालात को संभाला।
पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाया। माहौल खराब होता देख कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। घटना के बाद बाजार में सन्नाटा पसर गया है। इलाके में सुरक्षा और शांति कायम करने के लिहाज से भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मंदिर के पुजारी और हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि जब जुलूस नेहरू बस स्टैंड स्थित बड़े बालाजी मंदिर पहुंचा तो जुलूस के बीच से किसी असामाजिक तत्व ने मंदिर की ओर पत्थर फेंका।
इससे मंदिर में खड़ा एक व्यक्ति घायल हो गया। फिर दोनों समुदायों के बीच तनाव गहरा गया। आनन-फानन में पुलिस ने मोर्चा संभालते हुए मुस्लिम समाज के जुलूस को गंतव्य तक पहुंचाया। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। काफी देर तक पुलिस और लोगों के बीच खींचतान चली। आखिर में लोग सड़क पर बैठ गए। मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सभी शांति बनाए रखें। उपद्रवियों को दंडित किया जाए। शांति भंग क्यों हुई इसे देखा जाना चाहिए।
लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मंदिर के सामने सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि आरोपी के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो दो दिन बाद आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। हिंदू संगठन के नेता गौरव अग्रवाल और विनय दुबेला ने बताया कि हिंदू संगठनों ने प्रशासन को पहले ही आगाह किया था कि जुलूस के मार्ग में आने वाले हिंदू मंदिरों में पुलिस की विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए। प्लानिंग के तहत पत्थरबाजी की गई है।
गौरव अग्रवाल और विनय दुबेला ने आरोप लगाया कि दूसरे समुदाय के लोगों ने बस स्टैंड पर एक बस के ऊपर पत्थर जमा किए थे। एक पत्थर आने के बाद जब हिंदू पक्ष ने विरोध किया तो उधर से कुछ और पत्थर चले। साथ ही जूते चप्पल भी फेंके गए। वहीं बालाजी मंदिर के पुजारी शरद द्विवेदी ने बताया कि वह मंदिर में बैठे थे। दूसरे समुदाय का जुलूस निकल रहा था। जुलूस के बीच से एक पत्थर आया, जो पास में बैठे उनके सहयोगी के सिर में जा लगा। इस हमले में सहयोगी घायल हो गया।
पुजारी ने यह भी दावा किया कि एक पत्थर से उनके पैर में भी चोट आई है। विरोध करने पर कुछ पत्थर और चप्पल भी फेंके गए। वहीं पुलिस अधीक्षक अभिषेक आनंद ने बताया कि मामले की जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उपद्रव कर रहे लोगों को समझाया। मंदिर पुजारी की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने बलवा और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। पुलिस का कहना है कि फुटेज में दिखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रतिमा खंडित होने और शहर बंद जैसी कोई बात नहीं है। लोग बिना डरे अपनी दुकानें खोल सकते हैं।