पितृ पक्ष के शुरू होने से पहले श्रद्धालुाओं को जोरदार झटका लगा है। हरिद्वार की हरकी पैड़ी में आचमन तक के लिए गंगाजल उपलब्ध नहीं हुआ। गंगा घाटों में गंगाजल की कमी होने की वजह से श्रद्धालु आस्था की डुबकी भी नहीं लगा पाए।
यूपी, दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य पड़ोसी राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुओं के हाथ मायूसी लगी। आपको बता दें कि 17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं। पितृ पक्ष के अवसर पर देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पिंडदान करने को हरिद्वार पहुंचते हैं।
गंगनहर में शुक्रवार सुबह सिल्ट की मात्रा 7500 पीपीएम से अधिक होने के बाद यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने भीमगोड़ा बैराज लिंक चैनल से गंग नहर को बंद कर दिया था। रविवार को वीकेंड पर तीन दिन बाद भी गंग नहर में पानी की निकासी शुरू नहीं हो सकी।
इस कारण हरकी पैड़ी पर जल की मात्रा तीन फुट कम रही। जल की मात्रा कम होने के बाद हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड में गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं को मायूस होना पड़ा। श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने से वंचित रहे।
यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार रविवार को भी गंगनहर में सिल्ट की मात्रा पूरा दिन बढ़ती रही। सिल्ट की मात्रा बढ़ने के कारण रविवार को भी गंग नहर में पानी की निकासी नहीं की गई।
यूपी सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनिल कुमार निमेष ने बताया कि रविवार को भी गंगनहर में सिल्ट की मात्रा 9570 पीपीएम तक रिकॉर्ड हुई। नहर में सिल्ट की मात्रा बढ़ने के बाद शुक्रवार सुबह 10 बजे नहर को बंद किया गया था।
पहाड़ों में हो रही बारिश के बाद हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। शनिवार की पानी का अधिकतम डिस्चार्ज दो लाख क्यूसेक तक रहा था। रविवार को भी सुबह से नहर में प्रति घंटा सिल्ट की मात्रा में बढ़ोतरी होती रही। इसेदेखते हुए नहर को बंद किया गया।