देवरिया, निज संवाददातमा। जिले के राजकीय और वित्त पोषित विद्यालय के शिक्षक कक्षा 9
देवरिया, निज संवाददातमा। जिले के राजकीय और वित्त पोषित विद्यालय के शिक्षक कक्षा 9 से 12वीं तक के कमजोर छात्रों को चिन्हित कर उन्हें मेधावी बनाने का निर्देश है। इसके लिए पिछले माह शिक्षकों का प्रशिक्षण कराया गया है। जिससे हाई स्कूल और बोर्ड की परीक्षा में छात्र अच्छे नम्बरों से पास कर सकें। इसके लिए डीआईओएस ने सभी प्रधानाचार्यो को निर्देश दिया है कि स्कूल के प्रत्येक कक्षा के 25 प्रतिशत कमजोर छात्रों की सूची उपलब्ध करांए।
देवरिया जिले के 22 राजकीय और 122 वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालय है। जिसमें कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा दिया जाता है। विभाग समय समय पर छात्रों के बौधिक दक्षता के लिए टेस्ट लेता है। जिले के राजकीय और वित्त पोषित विद्यालय विद्यालय के छात्र हाई स्कूल और इंटर में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे है। वहीं वित्त विहीन विद्यालय के छात्र परीक्षा में काफी कम नम्बर पा रहे है। बड़ी संख्या में छात्र ग्रेस मार्क पाकर पास हो रहे है।
इसके लिए विभाग ने राजकीय और वित्त पोषित विद्यालय के कक्षा 9 से 12 तक के सभी कक्षाओं में 25 प्रतिशत कमजोर छात्रों को चिन्हित करेंगे। इसके बाद कमजोर छात्रों को अधिक समय और उन्हें पढ़ाने पर विशेष ध्यान देंगे। जिससे उन्हें मेधावी बनाया जा सके। इसके लिए डीआईओएस ने सभी राजकीय और वित्त पोषित विद्यालयों के प्रधानाचार्य को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि सभी शिक्षक अपने अपने कक्षाओं में 25 प्रतिशत कमजोर छात्रों को चिन्हित करें। इसकी सूची उपलब्ध कराए।
इसके साथ उन्हें विशेष रुप से शिक्षा दें, जिससे कमजोर छात्र भी मेधावी बन सके। इसके लिए शिक्षकों का पिछले माह प्रशिक्षण दिया था। जिसमें कमजोर छात्रों के पहचान करने और उन्हें मेधावी छात्र बनाने के बारे में जानकारी दिया गया है। इस योजना का धरातल पर लागू हुआ तो राजकीय और वित्त पोषित विद्यालय के छात्र भी हाई स्कूल और इंटर की बोर्ड परीक्षा में अच्छे नम्बरों से पास हो सकेंगे।
शिक्षकों को इसके लिए पिछलो दिनों दिया गया था प्रशिक्षण
कक्षाओं में पढ़ने वाले कमजोर छात्रों को चिन्हित करने और उन्हें मेधावी छात्र बनाने के लिए राजकीय और वित्त पोषित विद्यालयों को पिछले माह डायट में प्रशिक्षण दिया गया था। जिसमें छात्रों की कमजोरी को पहचान कर उन्हें मेधावी बनाने के बारे में प्रशिक्षण दिया गया था। इसके बाद उन शिक्षकों को अपने अपने विद्यालय के कक्षाओं में ऐसे छात्रों को चिन्हित कर उन्हें विशेष ध्यान देना है।
पढ़ाई के दौरान उन्हें आ रही परेशानी के बारे में जानने और उनका हल निकालकर छात्र को पढ़ने के लिए जागरुक करना है। कमजेार छात्रों पर शिक्षक विशेष ध्यान देंगे। जिसमें छात्रों को सामने बैठाने और उनसे पढ़ाई के दौरान पूछताछ करना और समय पड़ने पर अतिरिक्त समय में उनके समस्याओं का समाधान करना है। जिससे वह भी अन्य मेधावी छात्रों की तरह बोर्ड की परीक्षा करें।
जिले के राजकीय और वित्त पोषित विद्यालय के कक्षा 9 से 12वीं तक के प्रत्येक कक्षा में 25 प्रतिशत कमजोर छात्रों को शिक्षक चिन्हित करेंगे। इसके बाद उन छात्रों को विशेष ध्यान देकर मेधावी बनाया जाएगा। जिससे वह बोर्ड की परीक्षाओं में अच्छे नम्बरों से पास हो सकें। इसके लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण कराया गया था।
शिवनारायण सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, देवरिया।