मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में दलित सरपंच को बंधक बनाकर पीटने का मामला सामने आया है। निबारी गांव के सरपंच को अपने घर पर बुलाकर उसे बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप है। पीड़ित सरपंच का आरोप है कि गांव के दबंगों ने उसे घर बुलाया और है बंधक बनाकर मारपीट करने लगे। किसी तरह उनसे छूटकर वह संबंधित गढ़ीमलहरा थाने पहुंचा तो वहां उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई जिससे उसने मंगलवार को SP ऑफिस आकर न्याय की गुहार लगाई है।
यह है पूरा मामला
मामला छतरपुर जिला मुख्यालय से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित निवाड़ी ग्राम पंचायत का है। यहां के दलित सरपंच दिलीप अनुरागी ने बताया कि वह निवाड़ी ग्राम पंचायत सरपंच है और बाकायदा चुनाव जीतकर सरपंच बना है। गांव के दबंग उसे सरपंची नहीं करने दे रहे है। वह उससे कहते हैं कि चूंकि पंचायत आरक्षित थी तो तुम भले ही जनता द्वारा चुन लिए गए पर सरपंची तो हम ही चलाएंगे और हमारे हिसाब से काम करोगे। उसने माना किया और कहा कि जो काम शासन द्वारा दिये जाते हैं में उन्हें पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से करता हूं और जब मैं सरपंच हूं तो मैं ही सरपंची करूंगा। तो उन्होंने उसे बंधक बनाकर जमकर पीटा और वह किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से निकला है।
पीड़ित सरपंच ने बताई आपबीती
दिलीप अनुरागी ग्राम निवारी, जनपद पंचायत छतरपुर का सरपंच है और वह शासन के नियमों के अनुसार योजनाओं का संचालन करता है। पर गांव के दबंग उससे अवैध वसूली कर रुपयों की मांग करते हैं। बीते रोज दिनांक 8 सितंब शाम 5 बजे गांव के गोलू राजा ने उसे अपने घर बुलाकर जबरन बंधक बनाकर जमकर पीटा। सत्येन्द्र राजा ने कहा कि हमें 1,00000 रूपये खर्चा के लिए दो वरना अब सरपंची भूल जाओ। तुम सरपंची नहीं कर पाओगे।
पीड़ित ने कहा, जब मैनें यह सब करने और 1 लाख रूपये देने से मना किया तो गोलू राजा और सत्येन्द्रराजा ने मुझे कमरे में बंधक बनाकर लात-घूंसों से जमकर पीटा। मौके पर मुझे ढूंढते हुए विपिन आ गया। उसके चिल्लाने पर मुझे सत्येन्द्र राजा और गोलू राजा ने छोड दिया वरण अवध मुझे जान से भी मार सकते थे। घटना के पश्चात रिपोर्ट लिखवाने के लिए गढीमलहरा थाने गया था। पर गढीमलहरा पुलिस ने मेरी रिपोर्ट नहीं लिखी गई जिसके चलते मैं SP ऑफिस आया और साहब से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित ने न्याय की गुहार लगाते हुए बोला कि वह पंचायत नहीं जा पा रहा उसे डर है कि अगर वह पंचायत जायेगा तो उसे अपनी जान का खतरा है और वे लोग उसे जान से मार डालेंगे।
क्या कहती है पुलिस
मामले में गढ़ीमलहरा थाना प्रभारी डीके सिंह का कहना है पीड़ित परिवार थाने आया था लेकिन पता नही क्यों उन्होंने न ही एफआईआर कराई और न ही लिखित में कोई आवेदन दिया अगर परिवार थाने आता है तो हम कार्यवाही जरुर करेंगे।
रिपोर्ट- जय प्रकाश