संवाददाता। विजय कुमार अग्रहरी।
सोनभद्र । डॉक्टरों को ईश्वर के बराबर दर्जा क्यों दिया जाता है इसके प्रत्यक्ष उदाहरण बने हुए हैं राबर्ट्सगंज ब्लॉक के पसही कला ग्राम पंचायत के 46 वर्षीय राम लाल।पनिका अनियमित आहार विहार के कारण पेशे से ड्राइवर राम लाल पनिका ( मखंचू )2010 में एक कुंतल वजन के हो गए थे । पेट निकल कर कोहड़े की भांति हो गया था उठने बैठने में परेशानी होती थी प्रातः नित्य क्रिया करने में मुसीबत होती थी । थक हार कर पनिका जी डा. नर सिंह की सलाह पर राबर्ट्सगंज से बाबा राम देव के योग का कैसेट ले आए घर में टीवी नही थी। उडली गांव के बाल किशुन बियार के घर टीवी से कैसेट देख _देख कर योग सीख कर
घर पर वेअभ्यास करने लगे प्रातः 4 बजे से 5 बजे तक लहुर पसही से होना तक 4 किमी की दूरी तक मनीजर विश्व कर्मा के साथ नियमित रूप से पद यात्रा करने लगे हिंदुहारी गांव के डा. राधेश्याम मौर्य की प्रेरणा से अनुलोम ,विलोम , कपाल भारती सूर्य नमस्कार आदि योग करने लगे । 2011 में ही वजन 100 किलो से घट कर 70 किलो हो गया। 2024 में अब राम लाल एक सामान्य सहज जीवन जी रहे है अपनी तीन लड़कियों और दो लड़को का सहारा बन कर उन्हे उनके पैरो पर खड़ा कर आत्मनिर्भर बना चुके है राम लाल ने रविवार को बताया कि योग न होता तो मैं न रहा होता । आज 13 साल हो गए एक सुखद जीवन जी रहा हूं ज्ञात हो अब राम लाल जी दूसरो के लिए उदाहरण बन गए।हैं पदयात्रा और योग अब इनके जीवन का अनिवार्य अंग बन गए हैं रामेश्वर भाई पटेल अनेक उदाहरण दे कर योग के महत्त्व को दूसरों को समझा कर कल्याण कर रहे है प्रतिदिन लोग एक जुट हो कर हिंदुहारी माइनर की सड़क पर योग करते प्रातः 5 से 6 बजे तक मिल जाएंगे योग शिक्षक डा. राधे श्याम मौर्य लगभग 150 लोगों को रोग मुक्त कर चुके हैं । योग की टोली अब अपने सदस्यों से तंबाकू और नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प दिला रही हैं।