संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज।
डाला सोनभद्र। स्थानीय डाला बाजार के रामलीला मैदान में खनन बंदी के दौरान खनन उद्योग चालू हेतु मांग किया गया था जिसमें कार्यक्रम को तत्कालीन सपा सरकार ने मांग कर रहे निर्दोषों पर बर्बरतापूर्ण कर दिया गया है जिस मुकदमे को समाप्त कराने के लिए शुक्रवार को लोगों ने सूबे के राज्य मंत्री से मिलकर देर शाम नगर स्थित एक सभागार में बैठक की आहुति दी गई जिसमें 2012 में शांतिपूर्ण तरीके से यह आंदोलन 71 दिन चला था। शनिवार शाम को प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड़ ने मुकदमे में फंसे लोगों को आस्वस्त किया कि मैं स्वयं आपके साथ खड़ा हूं शासन स्तर से मुकदमा वापस कराने का प्रयास करूंगा बताते चलें कि यहां का मुख्य व्यवसाय पत्थर खनन सपा सरकार कार्यकाल 2012 में पूरी तरह बंद हो गया था इसके बाद खनन व्यवसाय से जुड़े तमाम लोग रोजी रोटी के संकट से जूझ रहे थे। आर्थिक संकट में डूबे लोगों द्वारा खनन उद्योग चालू कराने को लेकर डाला स्थित रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से मांग की जा रही थी। अपनी रोजी-रोटी की मांग कर रहे लोगों समेत जिनका खनन उद्योग से कुछ लेना-देना नहीं था और वहां मौजूद नहीं थे उनके ऊपर भी मुकदमा लाद दिया गया। मुकदमा वापस कराने के लिए लोगों ने तमाम प्रयास किया व शासन स्तर से गुहार लगाई जिसमें मौजूदा सरकार में शासन स्तर पर जनहित में मुकदमा वापस ले लिया गया था। एक सप्ताह पूर्व 36 लोगों के नाम जारी हुए वारंट की सूचना मिलते ही लोग हैरान हो गए। मुकदमे का दंश झेल रहे ओमप्रकाश शर्मा, सुभाष पाल, मंगल जायसवाल ने बताया कि ओबरा , डाला,चोपन के 36 लोगों के नाम वारंट जारी हुआ है।जिसमें दो लोगों की मौत हो चुकी है इन्होंने कहा कि पूर्व में राज्यपाल द्वारा मुकदमे के निस्तारण की संस्तुति हुई थी इसके बावजूद भी मुकदमा समाप्त नहीं हुआ इससे लोगों में रोष व्याप्त है। इस दौरान संतोष कुमार, उर्फ बबलू बृजेश कुमार उर्फ मंटू शर्मा, दीपक राय, अखिलेश पांडेय,विनोद तिवारी, सुधीर सिंह, सुभाष पाल योगेन्द्र उर्फ गुड्डू पटेल आदि लोग मौजूद रहे।