संवाददाता। मिथिलेश कुमार भारद्वाज।
डाला सोनभद्र। जिले के लोकप्रिय राज्य मंत्री के आवास डाला बारी पर पूर्व सीमेंट कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड़ को सौंप कर न्याय की गुहार लगाई। उत्तर प्रदेश सीमेन्ट निगम के हजारों पूर्व सीमेन्ट कर्मचारी शनिवार को अपने पावनों की मांग को लेकर दर दर भटक रहे हैं।उनका और उनके ऊपर आश्रित स्वजन आर्थिक तंगी के कारण परेशान हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगभग एक हजार कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश सरकार 40% बैक वेजेज पेंशन और रिटायरमेंट का लाभ दे चुकी है।पूर्व सीमेन्ट निगम कर्मी सजावल पाठक,रामनिवास भारती, केदारनाथ, देवनाथ आदि लोगो ने पत्रक देकर उन्हें बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सीमेन्ट निगम में छः हजार पांच सौ कर्मचारी काम करते थे।जिसे कोर्ट के आदेश पर 8 दिसम्बर 1999 को बंद करके हम सभी सीमेंट निगम श्रमिकों को निकाल कर शासकीय परिसमायक इलाहाबाद को हैंड ओवर कर दिया गया सरकारी आदेश सभी श्रमिकों को सरकार के सरकारी विभागों में समायोजन करने का था परंतु सरकारी अधिकारीयों ने लगभग एक हजार श्रमिकों का समायोजन किया शेष आज भी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। एक ही सरकार का यह उत्तर प्रदेश राज्य सीमेंट निगम का दोहरा चरित्र कुछ के साथ न्याय और तमाम श्रमिकों के साथ अन्याय न्याय संगत नहीं है। हम सब श्रमिकों द्वारा अपनी मांग को लेकर न्यायालय में बाद दाखिल किया गया है लेकिन आर्थिक तंगी के कारण मुकदमा लड़ने में असमर्थ हैं समझौते के माध्यम से समाधान चाहते हैं सीमेंट निगम में कार्य करने वाले उत्तर प्रदेश राज्य के सभी जिलों से थे इसका समाधान नहीं निकलने से लाखों लोग परेशान हैं जिसका सरकार पर गलत संदेश जा रहा है।लोगो ने कहा कि समायोजन व अन्य सुविधाओ से वंचित छुटे हुए पूर्व सभी सीमेन्ट निगम के कर्मचारियो की समस्याओ का समाधान सरकार करें,ताकि उन सबका जीवन परेशानियो से उबर सके और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल सके। लोगों ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सरकार को इस मामले में विचार करने के लिए आदेश जारी किया है।
इस दौरान संतोष त्रिपाठी, मुकेश जायसवाल, गोविंद, द्वारिका प्रसाद चंद्रवंशी ,अरुण चंद्र सिंह शामिल रहे।