संवाददाता। विजय कुमार अग्रहरी।
सोनभद्र। जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने अवगत कराया है कि आम की फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए आम के बगीचे जो 40-50 साल पुराने हो चुके हैं, उनकी पैदावार घटकर 7 टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है, जबकि राष्ट्रीय औषत लगभग 15 टन प्रति हेक्टेयर है, पुराने हो चुके आम के बगीचों में आम का उत्पादन बढ़ाने के लिए कटाई- छटाई की आवश्यकता होती है, किन्तु पुराने आम के पेड़ों की कटाई-छटाई का कृषक बन्धुओं द्वारा किये जाने पर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रोक लगायी जाती है और वन विभाग की अनुमति की मांग की जाती है, उक्त के क्रम में पुराने हो चुके आम के बगीचों में पैदावार बढ़ाने के लिए यदि कृषक बन्धुओं द्वारा आम के पेड़ों की कटाई- छटाई (पू्रनिंग एवं ट्रेनिंग) ओपनिंग की जाती है तो इस कार्य के लिए किसी भी विभाग की अनुमति की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह एक स्थापित औद्यानिक प्रक्रिया है।